22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

साहस: स्कूटी से किया 2327 किमी. का सफर, पूरी कर ली 2 ज्योतिर्लिंग की यात्रा

MP News: माधुरी का कहना है कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं और अकेले राइड के दौरान ठहरने की जगह ढूंढने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

2 min read
Google source verification
(सोर्स: सोशल मीडिया)

(सोर्स: सोशल मीडिया)

MP News: नारी तू अबला नहीं, तू नहीं है बेचारी, तू आधार जगत का। इस वाक्यांश को एक बार फिर चरितार्थ किया शुजालपुर की आरजे माधुरी वैद्य ने जिसने अपने हौसलों की उड़ान से बता दिया कि महिलाएं अब केवल घर की चार दीवारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हर क्षेत्र में अपनी योग्यता और साहस दिखा सकती है।

माधुरी ने साबित किया कि जो आत्म निर्भर और अपनी क्षमताओं से परिपूर्ण हैं। वे पारंपरिक सोच को बदल सकती हैं। लगभग 6 वर्ष तक रेडियो चैनल 93.5 रेड एफएम में काम कर चुकी हैं और अभी एंकरिंग और फ्रीलांसिंग के रूप में कार्य करने वाली शुजालपुर की माधुरी वैद्य ने हाल ही अपनी स्कूटी पर 10 दिन की गुजरात ज्योतिर्लिंग एक सोलो स्कूटी से यात्रा की। माधुरी ने अपनी यात्रा शुजालपुर से प्रारंभ की और मध्यप्रदेश से गुजरात स्थित द्वारका गई, वहां से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग होते हुए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के उपरांत दमन एंड दिव घूमकर वापस शुजालपुर पहुंची।

आत्मनिर्भर रहने का रखती हूं ध्यान

माधुरी ने इस दौरान लगभग 2327 किलोमीटर का सफर तय किया। माधुरी का कहना है कि अगर सपने दिल से देखो तो उन्हें पूरा करने की ललक आपको सोने नहीं देती और शिद्दत हो सपनों के लिए तो मेहनत नाकाम होने नहीं देती। ऐसा ही सपना अपनी 110 सीसी स्कूटी पर भारत भ्रमण करने का मैंने देखा है, जिसे पूरा कर रही हूं। माधुरी अपनी स्कूटी से अकेले अब तक 15000 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी है। जिसमें खाटू श्याम और 6 ज्योतिर्लिंग की यात्रा शामिल है।

करना पड़ा कई चुनौतियों का सामना

माधुरी का कहना है कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं और अकेले राइड के दौरान ठहरने की जगह ढूंढने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक सोलो स्कूटर राइडर होने के नाते मैं यथासंभव आत्मनिर्भर रहने का ध्यान रखती हूं। हमेशा एक टूलकिट साथ रखती हूं और अपनी स्कूटर की छोटी मोटी मरमत की मरमत खुद करने का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हूं।

माधुरी के पिता दिवगंत उदय कुमार वैद्य को भी यात्रा करने का शौक था। माधुरी की 10 दिवसीय यात्रा पूर्ण होने के बाद जब वह वापस अपने घर लौटी तो विद्यानगर कॉलोनी शुजालपुर की महिलाओं ने उसका स्वागत करते हुए उसकी चुनौती पूर्ण यात्रा की सरहाना की।