
निदा फाजली की गजल की एक लाइन याद आ रही है चलो किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए। दरअसल वाकई किसी बच्चे को हंसता-खिलखिलाता देख आपका मन इतना खुश हो जाता है कि वो भी बेफिक्र और मासूम हो जाता है। कुछ यही हाल हुआ आष्टा तहसील के हराजखेड़ी गांव के रहने वाले विनोद वर्मा का जिनके चेहरे की खुशी बता रही थी कि उन्होंने भी किसी बच्चे को खिलखिलाते देखा है। और वो कोई और नहीं बल्कि उनका ही मासूम बेटा रूद्राक्ष है। कटे होंठ की सर्जरी के बाद उसके होंठों पर मुस्कान देख न केवल उसका पूरा परिवार बल्कि डॉक्टर्स भी बहुत खुश थे।
विनोद वर्मा के नन्हे बेटे रुद्राक्ष वर्मा के कटे होंठ की वजह से वह ठीक से फीडिंग तक नहीं कर पा रहा था, जिससे उसका शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा था, वहीं उसके मुस्कुरा नहीं पाने के कारण परिवार भी उदास रहता था। उन्होंने कई प्राइवेट अस्पताल में जाकर डॉक्टर्स से परामर्श लिया, लेकिन इलाज पर खर्चा इतना ज्यादा आ रहा था कि उसे वहन करने की क्षमता पूरे परिवार में नहीं थी, तभी विनोद वर्मा ने कलेक्टर प्रवीण सिंह से मदद की गुहार लगाई।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने तत्काल बच्चे के पिता को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के बारे में बताया और सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया को नि:शुल्क बच्चे का ऑपरेशन कराने के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने आरबीएसके के तहत बच्चे की सर्जरी कराई, जिससे अब बच्चे का कटा होठ ठीक हो गया है।
सीएमएचओ डॉ. डेहरिया ने बताया कि आष्टा तहसील के ग्राम हराजखेड़ी निवासी रूद्राक्ष वर्मा की स्माइल ट्रेन योजना के माध्यम से नि:शुल्क सर्जरी की गई। सर्जरी के दौरान रुद्राक्ष के कटे हुए होठ का उपचार किया गया। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत टीम को रुद्राक्ष के कटे-फटे तालू से ग्रसित होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने बच्चे की जानकारी डीईआईसी सीहोर में रेफर की।
आरबीएसके तहत डीईआईसी के द्वारा रुद्राक्ष की सफलता पूर्वक सर्जरी करवाई गई, जिससे रूद्राक्ष वर्मा को नई मुस्कान मिल सकी। उन्होंने बताया कि जिले में इससे पहले भी कई बच्चों की नि:शुल्क सर्जरी कराई गई है। सीएमएचओ का कहना है कि जिन माता-पिता के बच्चे इस प्रकार की परेशानी से पीडि़त हैं, वह संपर्क कर सकते हैं, सभी की नि:शुल्क सर्जरी कराई जाती है।
Published on:
13 Sept 2023 06:35 pm
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