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बहू ने किया TOILET का इस्तेमाल तो सास-ससुर ने पीटा, बहू ने भी पहुंचा दिया जेल

मध्यप्रदेश में खुले में शौच जाने वाले लोगों को रोकने के लिए रोको-टोको अभियान पूरे प्रदेश में बढ़ रहा है, वहीं लोगों में जागरूकता भी आ रही है, लेकिन...

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सीहोर

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Manish Geete

Dec 22, 2017

Badwara block arbitrary getting ODF

Badwara block arbitrary getting ODF


भोपाल। मध्यप्रदेश में खुले में शौच जाने वाले लोगों को रोकने के लिए रोको-टोको अभियान पूरे प्रदेश में बढ़ रहा है, वहीं लोगों में जागरूकता भी आ रही है, लेकिन मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में एक मामला ऐसा आया, जिसमें सास-ससुर अपनी बहू तो शौचालय का इस्तेमाल ही नहीं करने दे रहे थे। वो बार-बार खुले में जाने को मजबूर थी। एक दिन उसने घर में बने शौचालय का इस्तेमाल कर लिया तो उसकी शामत आ गई। सास-ससुर ने बहू की जमकर पीटा। अब मामला थाने पहुंच गया है।

शौचालय का उपयोग करने पर सास-ससुर द्वारा बहू को पीटने का मामला सामने आया है। सीहोर की कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाली शबाना बी पत्नी अकबर अली किराए के मकान में रह रहे थे। मकान बन जाने के बाद खुद के मकान में रहने लगे। जहां सास-ससुर मुकीम खां और वहीदन बी बहू शबाना को शौचालय उपयोग नहीं करने दे रहे थे। इसी बात को लेकर गुरुवार को मारपीट कर दी। शबाना ने मारपीट की शिकायत कोतवाली थाने में दर्ज कराई है।

MP में बढ़ा रोको-टोको अभियान
इससे पहले मध्यप्रदेश में कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें खुले में शौच जाने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। एक शिक्षक की पत्नी खुले में शौच करने चले गई, तो उसकी सजा उसके शिक्षक पति को मिली। उसे सस्पेंड कर दिया गया। दूसरे मामले में एक ग्रामीण पर 75 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। इतना ही नहीं खुले में शौच रोकने का 'रोको-टोको अभियान' पूरे प्रदेश बढ़ गया है।

पत्नी को खुले में भेजने पर शिक्षक निलंबित
अशोकनगर जिले में पिछले सप्ताह ही यह मामला सामने आया है। यहां सरकारी स्कूल के शिक्षक प्रकाश प्रजापति हरिजन कॉलोनी स्कूल में पदस्थ हैं। उनकी पत्नी माखन बाई को 'स्वच्छता मिशन' का उल्लंघन करते पकड़ा था। उस समय वे खुले में शौच कर रही थीं। इसकी सजा उनके शिक्षक पति प्रकाश को मिली, उन्हें निलंबित कर दिया गया। जिला शिक्षाधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि संबंधित शिक्षक अपनी पत्नी को ही जागरूक नहीं कर पाया, वह समाज को कैसे जागरूक करेगा। इसलिए उसे निलंबित किया गया है, जिससे अन्य लोगों को सीख मिल सके।

ये टीचर भी गया था खुले में
अशोकनगर के बुढ़ेरा शासकीय स्कूल के सहायक अध्यापक महेंद्र सिंह को भी खुले में जाने की सजा मिल चुकी है। वे अब तक सस्पेंड हैं। उनके भी निलंबन आदेश में कहा गया है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन किया गया और घर के शौचालय में नहीं जाते हुए खुले में शौच के लिए गए। लिहाजा सरकार के निर्देशों की अवहेलना करना कदाचार की श्रेणी में आता है। इसलिए इन्हें निलंबित कर दिया गया।

अब 75 हजार रुपए भरेगा ये परिवार
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में एक परिवार पर खुले में शौच करने के मामले में 75 हजार रुपए का जुर्माना ग्राम पंचायत ने लगाया है। रंभाखेड़ी गांव के 43 परिवारों को भी नोटिस भेजा है। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक कुंवरलाल के मुताबिक एक माह सभी को चेतावनी दी थी, लेकिन किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया। इनमें से चेतावनी का उल्लंघन करने पर एक परिवार पर 75 हजार रुपए का जुर्माना लगाना पड़ा। 10 सदस्यीय यह परिवार ढाई सौ रुपए प्रति सदस्य के हिसाब रोजाना एक माह तक जुर्माना भरेंगे।

खुले में जाने वालों की लाइव कामेंट्री
मध्यप्रदेश में स्वच्छता मिशन के तहत तरह-तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। बैतूल जिले के ही चौथिया गांव की पंचायत ने तो खुले में जाने वालों को बेइज्जत करने के लिए अनूठा तरीका अपना लिया। वे तो सुबह से ही लोगों को लौटा लेकर जाते देख माइक पर कामेंट्री शुरू कर देते हैं। हालांकि इन तरीकों का काफी विरोध भी हो रहा है। हर सुबह यहां निगरानी समिति की करीब 15-20 महिलाएं और युवा अलग-अलग क्षेत्रों में खड़े नजर आते हैं, जो मोबाइल से पंचायत में बैठे सरपंच को मिस्ड कॉल देते रहते हैं। इसके बाद देखा जाता है कि कौन-सा ग्रामीण किस क्षेत्र में गंदगी कर रहा है, उसकी लाउडस्पीकर पर कामेंट्री शुरू कर देते हैं। निगरानी समिति की राधिका का कहना है कि अब लोग खुले में आने से डरने लगे हैं।


डिब्बा गैंग ने बनाई थी दहशत
इधर इंदौर जिले में नगर निगम ने रोको-टोको अभियान चला रखा है। इसके तहत डिब्बा गैंग के नाम से फेमस एक दल बनाया गया है, जो खुले में जाने वालों को अनूठे अंदाज में रोकने की कोशिश करता है। यह दल रेलवे पटरी और खुले में शौच वाले इलाके में जोर-जोर से डिब्बा बजाते हैं। जिससे सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी होने पर वे खुले में जाना छोड़ दें।

भोपाल में बजाते है सीटी
भोपाल नगर निगम क्षेत्र में भी रोको टोको अभियान के तहत खुले में जाने वालों को समझाइश दी जाती थी। महापौर आलोक शर्मा के नेतृत्व में नगर निगम के कर्मचारी रेलवे पटरियों पर पहुंचकर जोर-जोर से सीटी बजाकर खुले में बैठने वालों को शर्मिंदा करते थे फिर समझाइश देकर जाने देते थे। इसी का परिणाम है कि क्वालिटी कौंसिल आफ इंडिया ने भोपाल को खुले में शौच मुक्ति (ओडीएफ) घोषित कर दिया है।