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अब तीसरी आंख से रखी जाएगी चौक-चौराहों पर नजर, अपराधों पर लगाम लगाने पुलिस ने उठाया कदम

लगा रहे ९० कैमरे, मई माह के अंत तक हो जाएगा काम पूरा, कोई हरकत सामने आई तो शीघ्र पकड़ में आ जाएंगे बदमाश

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सीहोर। बढ़ते अपराध और चोरियों की वारदात सामने आने के बाद पुलिस प्रबंधन हरकत में आया है। इनको रोकने तीसरी आंख (सीसीटीवी कैमरे) की मदद ली जाएगी। इन कैमरों को लगाने की कवायद पिछले कई दिन से चल रही है। जिनका काम कुछ दिन में पूरा हो जाएगा। अगले महीने से चौक चौराहों पर लगे यह कैमरे काम करना शुरू कर देंगे। इसके बाद कोई गलत हरकत सामने आई तो कैमरों की मदद से बदमाशों को पुलिस पकड़ लेगी। पूरा सीहोर शहर जल्द ही कैमरे की जद में आने वाला है। किस कौने में किसने क्या हरकत की सब पर पुलिस की नजर रहेगी।

साल २०१७ में कैमरे लगाने का काम शुरू किया था। इसमें २० से अधिक स्थानों पर ९० से ज्यादा कैमरे लगाए जा रहे हैं। इसका काम मई माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। इनके लगने के बाद अपराध करने वाला किसी भी कीमत में पुलिस की नजरों से नहीं बच सकेगा। इतना ही नहीं कैमरों का कंट्रोल एसपी ऑफिस स्थित कंट्रोल रूम में रहेगा। यहां बड़ी एलसीडी पर सभी कैमरे जुड़े रहेंगे। ३० टीबी (टेरा बाइट) स्टोरेज क्षमता भी होगी। इसमें ३० दिन से अधिक की स्टोरेज क्षमता रहेगी। कोई भी घटना होने पर उसकी लोकेशन कैमरे की रिकार्डिंग खंगाल कर एक क्लिक में सामने आ जाएगी।

तीन शिफ्ट में करेंगे कैमरों को ऑपरेट
कोतवाली चौराहा, सीहोर टॉकीज, क्रिसेंट चौराहा, गणेश मंदिर , अस्पताल चौराहा, भोपाल नाका, माता मंदिर, तहसील चौराहा, बिलकिसगंज रोड, बैंक आफ बड़ौदा, जमोनिया तिराहा, पान चौराहा, पुराना बस स्टैँड, लुनिया चौराहा, चौपाल सागर, इंदौर नाका, मंडी क्षेत्र सहित २० स्थानों पर कैमरे लगाए जाएंगे। यह कैमरे नाइट विजन क्वालिटी से लेस हैं। इतना ही नहीं ३६० डिग्री पर घूमने वाले कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। जिन्हे कंट्रोल रूम में बैठे अधिकारी अपनी मर्जी से ऑपरेट कर एक स्थान पर बैठकर तीन शिफ्टों में २४ घंटे नजर बनाए रखेंगे। कैमरों को बर्ड गार्ड से सुरक्षा दी जाएगी। जिससे कि उनको पक्षी या फिर अन्य नुकसान नहीं पहुंचा सकें।


नहीं बचेंगे वाहन से अपराध करने वाले
शहर के ऐसे प्रमुख मार्ग जहां सबसे अधिक वाहनों का आना जाना लगा रहता है, यहां पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकवर (एएनपीआर) कैमरे लगाए जा रहे है। कोई वाहन तय रफ्तार से तेज दौड़ाते, यातायात नियम तोड़ते या किसी तरह का अपराध कर फरार होता है तो एएनपीआर कैमरे गाड़ी के नंबर को ट्रेस कर तुरंत वाहन की जानकारी कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा देगा। इससे वाहन का उपयोग कर फरार होने वाले बदमाशों को समय रहते गिरफ्तार किया जा सकेगा।

इसलिए पड़ी कैमरों की जरूरत
पिछले कुछ साल में नगर में चोरी के अलावा अन्य घटनाएं घटी है। इसमें कई बड़ी चोरियां ऐसी है जिनका पता पुलिस अब तक नहीं लगा सकी है। कुछ माह पहले कोतवाली समीप स्थित बदमाशों ने एक मकान में धावा बोलकर महिला को बंधक बनाकर जेवरात सहित अन्य सामान पर हाथ साफ कर गए थे। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वालों को पकडऩे प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके चलते पुलिस ने ऐसी वारदात को रोकने कैमरे लगाने की प्लानिंग की थी। उसी के तहत कैमरे लगाए जा रहे हैं। इससे काफी हद सुधार आएगा और आमजन को भी राहत मिलेगी।


अंतिम चरण में काम
कैमरे लगाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। अगले जून महीने में सभी कैमरे काम शुरू कर देंगे। इससे काफी फायदा मिलेगा। वहीं बदमाश भी पकड़े जा सकेंगे।
करण सिंह ठाकुर, कंट्रोल रूम प्रभारी सीहोर