
बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने गांव में गतिविधियां शुरू करने की कार्ययोजना बना रहा है। पार्क की सीमा से लगे गांवो में आदिवासी नृत्य, मेला सहित अन्य गतिविधियों से पर्यटकों को जोड़ा जाएगा। पार्क प्रबंधन का ध्यान बफर के साथ विलेज टूरिज्म को बढ़ावा देने की ओर है। इसके लिए प्रबंधन ग्रामीणों से चर्चा कर जानकारी जुटा रहा है।
हाइजिनिक होंगे स्थानीय खाद्य पदार्थ
ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताह के एक दिन पार्क प्रबंधन अलग-अलग गतिविधियां आयोजित कराएगा। रिसोर्ट संचालक, जिप्सी संचालकों की मदद से पर्यटकों को ग्रामीण क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा। आदिवासी नृत्य, स्थानीय खाद्य सामग्री को हाइजिनिक बनाकर उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीणों द्वारा तैयार अन्य सामग्री को बाजार मुहैया कराने की दिशा में प्रयास होंगे।
जंगल में जाने सेरोकने के प्रयास
बुधवार को पार्क बंद रहने की स्थिति में पर्यटकों को नेचर ट्रेल कराया जाएगा। अभी पर्यटकों के पास बांधवगढ़ के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। नेचर ट्रेल के लिए गाइड की जरूरत होगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के मौके मिलेंगे। उप संचालक पीके वर्मा के अनुसार ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से रोकने उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने के प्रयास हो रहे हैं।
मिलेगी ट्रेनिंग
मप्र ईको टूरिज्म बोर्ड की सीईओ समिता राजौरा पार्क क्षेत्र के मझखेता पहुंचीं और ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीणों को जरूरी संसाधन, सुविधाएं मुहैया कराकर स्थानीय स्तर पर रोजगार से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जिस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं, बोर्ड उन्हें ट्रेनिंग और संसाधन मुहैया कराएगा।
Updated on:
10 Feb 2024 12:43 pm
Published on:
10 Feb 2024 12:37 pm
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