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15 अगस्त के जश्न के बीच दिल झकझोर देने वाली तस्वीर, मां का शव लेकर घूमता रहा बेटा

- 15 अगस्त पर आजाद भारत की रुला देने वाली तस्वीर- रिक्शे में मां का शव लेकर घूमता रहा आदिवासी बेटा- काफी मशक्कत के बावजूद नहीं मिला शव वाहन- सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

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15 august

15 अगस्त के जश्न के बीच दिल झकझोर देने वाली तस्वीर, मां का शव लेकर घूमता रहा बेटा

वैसे तो भारत की आजादी को आज 76 साल पूरे हो गए हैं। पूरा देश जहां एक तरफ आजादी का जन्म मना रहा है तो वहीं, दूसरी तरफ आज भी कई लोग देश में ऐसे हैं जो गुलामी का जीवन जीने को मजबूर हैं। सरकार जहां पक्ति के आखिरी शख्स तक विकास पहुंचाने और अधिकारों की समानता के दावे करती है तो वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर मध्य प्रदेश से सरकारी दावों की पोल खोलती एक तस्वीर सामने आई है। मामला सूबे के शहडोल जिले से सामने आया है, जहां मां की मौत के बाद शव वाहन न मिलने से विवश एक आदिवासी बेटा मजबूरन मां का शव रिक्शे में रखकर अस्पताल पहुंचा। 15 अगस्त यानी आदाजी के दिन जिस किसी ने भी इस मंजर को देखा वो जिम्मेदारों को कोसता नजर आया।


आपको बता दें कि, जिले के अंतर्गत आने वाले बुढार ब्लाक के चिटुहला ग्राम के रहने वाले आदिवासी समुदाय के कैलाश कोल की 70 वर्षीय मां की कुएं में डूबने से मौत हो गई थी, जिसका पोस्टमार्टम कराने के लिए बेटा शव वाहन की तलाश में यहां वहां भटकता रहा, जब वाहन उपलब्ध नहीं हुआ तो विवश बेटे ने मां का शव रिक्शा में रखकर 5 किलोमीटर का सफर तय कर आबादी के बीच बुढार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा। यहां शव का पोस्टमार्टम कराकर वापस शव रिक्शे से लेकर अपने घर भी लौटा। अफसोस की बात तो ये है कि, पीड़ित परिवार को गांव तक तो शववाहन पहुंच नहीं सका, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद अस्पताल से भी उसे शव वाहन नहीं मिल सका। एक तरफ जहां पूरा देश स्वतंत्र भारत के जश्न में खुशियां मना रहा है तो वही दूसरी तरफ एक बेटा अपनी मां का शव लेकर सड़को पर असहाय घूम रहा था।

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विधायक का सामने आया बयान

वहीं, इस पूरे मामले में जैतपुर विधानसभा इलाके की भाजपा विधायक मनीषा सिंह का कहना है कि, लगातार इस तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं। अस्पतालों में शव वाहन होने के बावजूद भी स्वास्थ्य अमला शव वाहन उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। ये एक बड़ी चिंता का विषय है। फिलहाल, मामला संज्ञान में आने के बाद उचित एक्शन लिया जाएगा।