
5 वर्ष का शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षको को ही मिलेगी प्रतिनियुक्ति, विषयवार रिक्त पद भरे जाएंगे
शहडोल . सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने जानकारी दी है कि जिले के विभिन्न विद्यालयों में विषयवार व्याखाता एवं शिक्षको के पद रिक्त होने पर पूूिर्त के लिए अदिम जाति कल्याण विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षको से प्रतिनियुक्ति द्वारा पूर्ति की जानी है, जिसके लिए सादे कागज में आवश्यक जानकारी सहित 25 जून सायं 5 बजे तक कार्यालय में जमा किए जा सकते है। प्रतिनियुक्ति पर सेवाएॅ हेतु सम्बन्धित का अपने विषय का 5 वर्ष का परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत हो। जिन विद्यालयो में विषयवार पद रिक्त है उनमें हायर सेकेन्ड्री स्तर के भौतिकी, रासायन, गणित एवं अंग्रेजी विषय के कन्या शिक्षा परिसर शहडोल, बुढ़ार, जैतपुर में व्याखाता पद हेतु एक-एक पद तथा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जयसिंहनगर में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1 हेतु एक पद इसी प्रकार हाई स्कूल स्तर पर गणित विषय हेतु कन्या शिक्षा परिसर शहडोल, बुढ़ार, जैतपुर में शिक्षक के एक-एक पद तथा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जयसिंहनगर में संविदा शाला शिक्षक वर्ग एक पद हेतु अंग्रेजी विषय हेतु कन्या शिक्षा परिसर बुढ़ार, जैतपुर में एक-एक पद तथा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जयसिंहनगर में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 हेतु एक पद एवं सामाजिक विज्ञान विषय हेतु कन्या शिक्षा परिसर जैतपुर हेतु शिक्षक पद के लिए 2 पद, संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1 हेतु एक पद हेतु अंग्रेजी विषय हेतु कन्या शिक्षा परिसर बुढ़ार, जैतपुर में एक-एक पद तथा आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जयसिंहनगर में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1 एवं 2 हेतु एक-एक पद के लिए प्रतिनियुक्ति से पूर्ति की जानी है।
दस साल के बच्चो पर इंसेफ्लाटिस का अधिक प्रभाव, बरते सावधानी
शहडोल . चमकी बुखार (इंसेफ्लाटिस) से बच्चो को बचाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश पाण्डेय ने बताया कि इस बुखार के बचाव के लिए जन जागरूकता की आवश्यता है जिससे लक्षण पहचान कर बच्चो का उपचार किया जा सकें। उन्होने बताया कि अचानक तेज बुखार आना, हाथ-पैर में अकड आना, बच्चो का शरीर कापना, शरीर में चकत्ता निकलना, शरीर में शुगर का कम होना इसके प्राकृतिक लक्षण है। बचाव हेतु बच्चो धूप से दूर रखे, अधिक से अधिक पानी का सेवन कराएॅ, हल्का साधारण खाना खिलाये, खाली लिची न खिलाये, रात में खाने के बाद मीठा खिलाये, घर के आस-पास पानी न जमा होने दें। रात में सोते समय मच्छदानी का इस्तेमाल करें। पूरे बदन का कपड़ा पहनायें सडें-गले फल न खिलाये, बच्चो के शरीर में पानी की कमी ना होने दें। डॅा पाण्डेय ने बताया कि यह बिमारी 10 साल के बच्चो को अधिक प्रभावित करती है और इसके लक्षण देखने पर तत्काल अस्पाताल पहुॅचकर चिकित्सक से परामर्श एवं उपचार कराए।
Published on:
20 Jun 2019 08:46 pm
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