
ये जुगाड़ भारत के बाहर न जाने पाए : बच्चों ने कबाड़ से बना डाला ऐसा झूला, देखकर रह जाएंगे दंग, VIDEO
भारतीय जुगाड़ को दुनियाभर में खास पहचान मिली हुई है। विदेसों में जिन कामों के लिए लोग काफी पैसे खर्च करने के बाद भी सफल नहीं कर पाते, हमने भारत ऐसी कई जुगाड़ें देखी हैं, जो कई बार बिना खर्च के विदेशों के उन खर्चीले कामों से ज्यादा कारगर साबित होती हैं। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले का ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग कह रहे हैं, कबाड़ से जुगाड़ का इससे बढ़िया उदाहरण नहीं हो सकता। एक युजर ने तो अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ये भी कहा कि, ये जुगाड़ भारत से बाहर नहीं जाने पाए।
जिले के जैतपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुसरा के आदीवासी ग्रामीण बच्चों का कहना है कि, वैसे तो उन्हें शहरी बच्चों की तरह आधुनिक झूलों पर झूलने का मौका नहीं मिल पाता। तो उन्होंने गांव में ही पड़े कबाड़, साइकिल के टायर और लकड़ियों से देसी जुगाड़ करके एक नेक्स्ट लेवल झूला बना डाला। अब एक तरफ जहां इस झूले पर झूलकर बच्चे झूम रहे हैं तो वहीं, वायरल हुए इसके वीडियो को देख लोगों का कहना है कि, इन बच्चों ने उन्हें उनका बचपन याद दिला दिया।
क्यों खास है ये झूला ?
हम भारतीय पैदाइशी जुगाड़ू होते हैं। इसका सटीक उदाहरण दिया इन ग्रामीण बच्चों ने और गांव में पड़े कबाड़ के सामान, साइकिल के टायर और लकड़ी से देसी जुगाड़ से एक झूला बनाकर दिखा दिया। बच्चों ने देशी झूले में तकनीकी चीजों का भी खास ध्यान रखा और बना दिया एक नेक्स्ट लेवल का देसी झूला। झूले की खास बात ये है कि, इसे आम के पेड़ की उस टहनी से कसा गया है जो झूलने के दौरान वाइब्रेट होती, ये एक तरह के सस्पेंशन का काम करती है। ऐसे में लोड ज्यादा होने और झूलने की गति तेज होने पर सस्पेंशन का काम करती है और इससे झूला टूटने का खतरा भी नहीं रहता।
सोशल मीडिया पर चर्चा
इस वीडियो को देखकर लोग बच्चों की क्रिएटिविटी की खासा सराहना कर रहे हैं। तो कई लोगों ये भी कहना है कि, इन बच्चों ने उन्हें उनका बचपन याद दिला दिया। फिलहाल, इस वीडियो को देखकर ये बात तो साबित हो गई कि, बारतीय जुगाड़ का कोई तोड़ नहीं है।
Published on:
27 Jul 2023 05:22 pm
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