
अंतिम संस्कार कराते मुस्लिम लोग
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
शामली ( Shamli ) यूपी के जिस जिले से पलायन बड़ा मुद्दा बना था उसी जिले के लोगों ने कोरोना काल में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की है। यहां एक हिंदू युवक की कोरोना संक्रमण COVID-19 virus से death मौत हुई तो रिश्तेदारों ने भी कदम पीछे खींच लिए इसके बाद मुस्लिम भाइयाें ने हिंदू युवक का दाह संस्कार कराया।
कोरोना वायरस ( Corona virus ) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है। वायरस से लोग घबरा रहे हैं और आलम ये है कि मौत के बाद शव को कंधा देने के लिए चार लोग तक कदम आगे नहीं बढ़ा रहे। ऐसे में मुस्लिम समाज के चार लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए हिंदू युवक की अर्थी को कंधा दिया और श्मशान घाट ले जाकर हिंदू रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार भी किया।
कस्बा कांधला में लॉकडाउन ( lockdown ) के दौरान मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने हिंदू व्यक्ति की अर्थी को कंधा दिया और उनका अंतिम संस्कार भी कराया। मरने वाले युवक का नाम सौरभ गुप्ता पुत्र पवन गुप्ता था जो कांधला कस्बे के मुहल्ला शेखजादगान जमा मस्जिद के रहने वाला था। तीन दिन पूर्व सौरभ गुप्ता की करोना वायरस की जांच हुई थी। एंटीजन में रिपोर्ट नेगेटिव आई जिसके बाद सौरभ ने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया था लेकिन उसकी रिपाेर्ट नहीं आई थी।
बताया जा रहा है कि इसी दहशत में उसकी मृत्यु हो गई। उनके परिजनों और दूर-दराज के रिश्तेदारों, दोस्तों और आस-पड़ोस को सूचना दी गई। लॉक डाउन होने की वजह से उनके परिजन नहीं आ पाए। शव को श्मशान तक पहुंचाने के लिए कोई नहीं था तो मुस्लिम समाज के लोगों को इस बात की जानकारी मिली तो वे परिवार वालों को दिलासा देने पहुंचे और साथ ही उन्होंने मृतक की अर्थी बनवाई और पार्थिव शरीर को मुस्लिम समाज के युवाओं और बुजुर्गों ने कंधा देकर श्मशान तक पहुंचाया। इस दौरान रास्ते में राम नाम सत्य भी बोला और श्मशान में जाकर बाकायदा हिंदू-रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया।
मृतक के पिता पवन गुप्ता का कहना है कि काफी लोगों ने उसका सहयोग किया और यह हमारे समाज की एकता के लिए अच्छी बात है। उधर दूसरी तरफ पड़ोसी जुबैर का भी कहना यह है कि समाज में एक दूसरे के साथ रहना चाहिए और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। श्मशान घाट पर एक मुस्लिम समाज के वृद्ध का कहना था कि पिछले कुछ समय से समाज में हिंदू-मुस्लिम के बीच बैर वाले सियासी बयान सामने आये हैं, लेकिन इन तस्वीरों से साफ है कि भारतीय संस्कृति में गंगा-जमुना की तहजीब अभी भी शामिल है। हिंदू व्यक्ति की अर्थी को कंधा देने को मुस्लिम समाज के लोग इसे अपना फर्ज भी बता रहे हैं। उनका कहना है वह भारतवासी हैं और किसी से भेदभाव नहीं मानते हैं।
Updated on:
07 May 2021 06:09 pm
Published on:
07 May 2021 06:06 pm
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