
शामली. आईसीसी (International Cricket Council) के अंपायर अनिल चौधरी (Anil Chaudhary) इस समय उत्तर प्रदेश के शामली (Shamli) जिले में स्थित अपने पैतृक गांव डांगरोल में फंसे हुए हैं। वह चाहते तो प्रशासन से मदद मांगकर अपने दिल्ली (Delhi) स्थित घर पहुंच सकते थे, लेकिन मैदान में अंपायर की भूमिका निभाने वाले अनिल ने ऐसा करना उचित इसलिए नहीं समझा, क्योंकि यह सरकार की सलाह है कि जहां हैं वही रहें। वह यहां खुद को अंपायरिंग के लिए फिट रख रहे हैं और गांववालों को भी कोरोना वायरस (CoronaVirus) से सुरक्षित रहने के लिए सलाह दे रहे हैं। साथ ही गांव की कुछ समस्या के निदान के लिए भी प्रयासरत हैं।
अब एक साथ हुक्का नहीं पीते गांव वाले
बता दें कि 650 घरों वाले गांव डांगरोल के लोग अंतरराष्ट्रीय हस्ती होने के कारण अनिल की बात मानते भी हैं और उन पर अमल भी करते हैं। उनके कहने पर ही गांव के लोगों ने एक साथ हुक्का पीना बंद कर दिया है। साथ में ताश भी खेलना बंद कर दिया है। उनके कहने पर एक चारपाई पर ज्यादा लोगों ने बैठना भी बंद कर दिया और काफी हद तक दोपहिया वाहनों का प्रयोग पर भी रोक लगी है। इनके बीच चौधरी ने मास्क भी बांटे हैं। चौधरी सुबह छह बजे उठकर खुद को फिट रखने के लिए खेतों में रनिंग और जॉगिंग करते हैं, स्किपिंग करते हैं। कहते हैं कि गांव का गुड़, गन्ना, मक्खन और मल्टीग्रेन रोटी बहुत रास आ रही है। इस दौर में वह खुद को कसरत और सक्रिय रखकर फिट हैं।
खुद पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क तलाश रहे मोबाइल का नेटवर्क
हालांकि गांव में आने के बाद उनके सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल उनके गांव में मोबाइल के नेटवर्क नहीं हैं, जिसके चलते उन्हें अपने फोन से बात करने के लिए पेड़ पर चढ़कर बात करनी पड़ती है। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर भी वायरल की है, जिसमें वह खुद पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क तलाश रहे हैं। नेशनल एंपायर की ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने से टेलीफोन कंपनियों में हड़कंप मचा है।
Published on:
12 Apr 2020 04:54 pm
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