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कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मुस्लिम धर्मगुरु ने कुरआन शरीफ का हवाला देकर की यह बड़ी अपील

देशभर के मुसलमानों से की मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ने की अपील

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One month will be spent in prayer, Namaz and Taraweeh will be read in homes

शामली. भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ने पर भारत सरकार पूरी तरह सतर्कता बरत रही हैं। वहीं, महामारी का रबप ले रहे कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मुस्लिम धर्मगुरु ने लोगों से मस्जिदों के बजाय घरों में नमाज अदा करने की अपील की है। दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस को और फैलने से रोकने के लिए सोमवार को अल कुरआन एकेडमी ने मुस्लिम समाज को इस संक्रमण से बचने के लिए यह अपील जारी की है।

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इस अपील में कोरोना वायरस का सामना करने के लिए दीनी रहनुमाई की गई। अल कुरआन एकेडमी के डायरेक्टर मुफ्ती अतहर शम्शी ने बताया कि कुरआन के चैप्टर 2 की आयत संख्या 185 में बताया गया हैं कि अल्लाह तुम्हारे साथ नरमी चाहता है, वह तुम्हारे साथ सख्ती नहीं चाहता। लिहाज़ा, लोगों को चाहिए कि वे कुरआन की इस आयत पर गौर करें और अपनी नमाज़ें मस्जिद के बजाय अपने घरों में पढ़ें।

मुफ्ती अतहर शम्शी ने कहा कि चूंकि यह छूट खुद कुरआन ने लोगों को दी है। इसलिए कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए मजबूरी में घर पर नमाज पढ़ने से सवाब में भी कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिदों को बिल्कुल बंद हरगिज़ नहीं करना चाहिए, बल्कि मस्जिद के इमाम और मुअज्जिन वहां जमाअत से नमाज अदा करते रहें और बाकी लोग अपने घरों में नमाज़ अदा करें, ताकि मस्जिद भी बंद न हो और लोगों के स्वास्थ्य की भी हिफाज़त हो सकें। उन्होंने डब्लूएचओ की गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को 1 मीटर की दूरी बनाकर बात करने एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव हैं।