शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार की दोपहर 12 बजे के आसपास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने कॉलेज के बैडमिनटन कोर्ट परिसर में होली कार्यक्रम रख लिया, जबकि कॉलेज में एग्जाम चल रहा था। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर डीजे भी बजाया। इस दौरान कुछ छात्रों ने विरोध जताया, वहीं एनएसयूआई से जुड़े छात्र भी मौके पर पहुंच गए, जिन्होंने विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया। कुछ देर के लिए तो दोनों संगठन आमने सामने आ गए।
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एनएसयूआई कार्यकर्ता प्राचार्य डॉ.विपिन बिहारी शर्मा के पास पहुंचे और कार्यक्रम बंद कराने की बात कही। इस दौरान कार्यकर्ता प्राचार्य के कार्यालय में हंगामा करने लगे। इसपर प्राचार्य शर्मा ने हंगामा कर रहे एनएसयूआई छात्रों को फटकारते हुए कार्यालय से बाहर किया। साथ ही विद्यार्थी परिषद के छात्रों को भी कार्यक्रम बंद करने के लिए कहा। लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनकी बात नहीं मानी और कार्यक्रम जारी रखा। इसपर प्राचार्य ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को कॉलेज परिसर से बाहर निकालकर मामला शांत कराया।
मौजूदा समय में कॉलेज में एग्जाम शुरु हो गए हैं। गुरुवार की दोपहर 2 बजे से भी कॉलेज में एग्जाम भी होने थे। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगी हुई है। बावजूद इसके शासकीय महाविद्यालय में इस तरह के आयोजन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों संगठनों के अलावा कॉलेज में मिले अन्य छात्र-छात्राओं का कहना था कि इस तरह के हुड़दंग और हंगामें से शैक्षणिक माहौल तो खराब होता ही है, साथ ही नियमित कॉलेज आने वाले छात्र-छात्राएं भी कॉलेज आने से कतराते हैं, विशेषकर छात्राओं को काफी दिक्कतें होती है।
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मामले को लेकर श्योपुर कोतवाली उपनिरीक्षक सुरेश धाकड़ ने बताया कि, हमें कॉलेज की ओर से सूचना मिली थी, तो हम वहां पहुंचे। कॉलेज में कुछ छात्र होली खेल रहे थे, उन्हें हमने बाहर कर दिया और हिदायत देकर भगा दिया। वहीं डीजे को भी हमने जब्त कर लिया है।
वहीं, शासकीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.विपिन बिहारी शर्मा ने कहा कि हमारे इस तरह के कार्यक्रम की हमसे कोई अनुमति नहीं ली गई। कुछ दिन पूर्व कुछ छात्र हमारे पास आए और तिलक होली के लिए कह रहे थे तो हमने बाहर टीनशेड में तिलक होली के लिए मौखिक कहा था। लेकिन ये बिना अनुमति डीजे लगाकर होली खेलने लगे। हमने कार्यक्रम बंद करा दिया और पुलिस भी बुला ली।
एबीवीपी जिलाध्यक्ष आशुतोष मित्तल ने कहा कि हमारे संगठन के कार्यक्रम सभी जगह चल रहे हैं और उसी के तहत कॉलेज में कार्यक्रम रखा था। इसके लिए हमने प्राचार्य से मौखिक अनुमति ली थी। हमारी गलती ये हो गई कि हम लिखित में अनुमति नहीं ले पाए। परीक्षा 2 बजे से थी और हम साढ़े 12 बजे ही कार्यक्रम बंद करने वाले थे, लेकिन प्राचार्य ने पता नहीं, किसके दबाव में आकर पुलिस बुला ली।
वहीं दूसरी तरफ एनएसयूआई जिलाध्यक्ष प्रदीप जाट ने कहा कि, कॉलेज में बड़ी संख्या में छात्राएं आती है और मौजूदा समय में कॉलेज में एग्जाम चल रहे हैं। लेकिन कॉलेज प्रबंधन इस तरह के आयोजनों की अनदेखी करता है। हमसे छात्राओं ने इसकी सूचना दी तो हमने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को विरोध दर्ज कराने के लिए भेजा था और प्राचार्य से शिकायत की।