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एमपी में ऑनलाइन होंगी सभी मंडियां, रजिस्ट्रेशन कराना होगा जरूरी

mp news: मंडी बोर्ड भोपाल से प्रदेश की सभी मंडियों को ई-मंडी करने का काम किया जा रहा है। इसमें पहले चरण में ए ग्रेड, दूसरे चरण में बी ग्रेड और तीसरे चरण में सी ग्रेड की मंडियों को ई-मंडी में तब्दील किया जा रहा है।

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All Mandis

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mp news:मध्यप्रदेश के शिवपुरी में ई-मंडी होने के बाद किसानों की फसल की पूरी खरीददारी ऑनलाइन सिस्टम से होगी। ऐसे में जहां मंडी टैक्स की चोरी 100 फीसदी रुक जाएगी, वहीं बिना ई-पंजीयन के कोई भी किसान मंडी में फसल नहीं बेच सकेगा। साथ ही ई-सिस्टम से किसानों के भुगतान की पूरी सुरक्षा होगी।

हालांकि इस पूरी कार्रवाई में किसानों को ई-पंजीयन के बारे में जानकारी न होना, एनड्राइड मोबाइल न होने के कारण पंजीयन कराने से को थोड़ी समस्या आ सकती है।

मंडियां हो रही अपग्रेड

मंडी बोर्ड भोपाल से प्रदेश की सभी मंडियों को ई-मंडी करने का काम किया जा रहा है। इसमें पहले चरण में ए ग्रेड, दूसरे चरण में बी ग्रेड और तीसरे चरण में सी ग्रेड की मंडियों को ई-मंडी में तब्दील किया जा रहा है। पहले दो चरण हो चुके है, इसमें जिले की एक मात्र कोलारस मंडी ही बी ग्रेड में आती थी, जो कि डेढ़ माह पूर्व ई-मंडी हो चुकी है। अब जिले की सभी सी ग्रेड की मंडियों को ई-मंडी पर अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए बड़े व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही है।

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मंडी सचिव व कर्मचारियों को करेंगे प्रशिक्षित

मंडी को ई-मंडी करने के लिए मंडी बोर्ड को सबसे पहले मंडी सचिव से लेकर अन्य कम्प्यूटर दक्ष कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें 7 फरवरी को भोपाल में एक कार्यक्रम आयोजित कर सभी को ई-मंडी संचालित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि एक दिन के प्रशिक्षण में यह कर्मचारी व सचिव कितने ट्रेंड होकर ई-मंडियो का बेहतर तरीके से संचालन कर पाएंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीं सबसे बड़ी समस्या प्रशिक्षित होने की किसानों को आएगी।

शुरूआत में आएगी परेशानी

जिस तरह से मंडी के पूरे सेटअप को ई-मंडी में तब्दील किया जाएगा, उसमें शुरूआती दौर में मंडी कर्मचारियों से लेकर किसानों व व्यापारियों को इमसें काफी परेशानी का सामना करना पडेगा। ई-सिस्टम से कैसे पंजीयन होना है, कैसे उसमें फसल का उल्लेख करना है। मंडी में फसल का ई-ऑक्सन कैसे होगा, इन सभी को समझने में सभी को समय लगेगा। हालांकि मंडी बोर्ड की इस व्यवस्था से हर दिन मंडी में कितनी खरीद हुई और मंडी को कितना टैक्स मिला, इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी एक क्लिक पर आसानी से ले सकेंगे।

अभी तो हम सीधे मंडी में जाकर अपनी फसल बेच आते है लेकिन अब ई-मंडी होने से उसमें कैसे पंजीयन होगा और अन्य क्या प्रक्रिया होगी इसे समझने और सभी किसानों के पास एनड्राइड मोबाइल नहीं होने से शुरूआत में किसानों को परेशानी आएगी। वैसे भी किसान को बीज, खाद से लेकर मंडी में फसल बेचने के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। - योगेन्द्र यादव,किसान ऐजवारा बदरवास।

एक अप्रेल से शिवपुरी सहित जिले की जितनी भी सी-ग्रेड की मंडी हैं, वे ई-मंडी में तब्दील हो जाएंगी। इसके लिए हमको ट्रेनिंग के लिए 7 फरवरी को भोपाल जाना है। इस ई-सिस्टम से काफी पारदर्शिता आएगी। हालांकि शुरूआत में किसानों को थोड़ी परेशानी आ सकती है, लेकिन हम किसानों की इस समस्या का भी निदान करेंगे। - विश्वनाथ सिंह, मंडी सचिव, शिवपुरी