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साइबर ठगों से सावधान! शिक्षिका को 25 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 59 लाख ठगे, गोल्ड लोन तक लिया

Digital Arrest : शिक्षिका के पास जब पैसे खत्म हो गए तो उसने पति को बताया। फिर पुलिस में मामला दर्ज होने पर डिजिटल अरेस्ट का खुलासा हुआ। पुलिस ने इस मामले में लखनऊ से 3 और आरोपियों को दबोचा, 6 लाख बरामद भी किए।

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डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का आरोपी मेरठ से गिरफ्तार(photo-patrika)

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का आरोपी मेरठ से गिरफ्तार(photo-patrika)

Digital Arrest : डिजिटल अरेस्ट में फंसकर लोग अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं। यहां तक कि लोन लेकर साइबर ठगों के मंसूबों को पूरा कर रहे हैं। इसकी ताजा बानगी देखने को मिली मध्य प्रदेश के शिवपुरी में, जहां एक शिक्षिका ने ठगों के जाल में फंसकर एक-दो नहीं, बल्कि 59 लाख रुपए गंवा दिए। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया है।

मामले में करैरा थाना पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 48 वर्षीय अजय नेन, 28 वर्षीय आर्यन सिंह और 23 वर्षीय अवनीश मिश्रा को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 6 लाख बरामद किए हैं। पुलिस इस मामले में 2 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जानकारी के मुताबिक, 25 जून 2025 को शासकीय शिक्षिका ने करैरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसपर कार्रवाई की जा रही है।

25 दिन रहीं डिजिटल अरेस्ट

शिक्षिका ने बताया, 31 मई को एक कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उसने कहा, ब्लैक मनी के मामले में उनके बच्चों का नाम आ चुका है। पैसा नहीं देंगी तो उनके बच्चों को जेल भेज देंगे। शिक्षिका के बच्चे दिल्ली और दूसरे बड़े शहरों में काम करते हैं। शिक्षिका ने इस बात के बारे में किसी को नहीं बताया और 25 दिन तक उन ठगों के इशारे पर चलती रहीं।

अलग-अलग बैंक खातों में डलवाए 59 लाख

इन 25 दिन में शिक्षिका ने अपनी जमा पूंजी के अलावा 12 लाख का गोल्ड लोन लिया, 35 लाख रुपए दूसरे लोगों से किसी काम की बोलकर ब्याज पर उधार लिए। इस तरह से शिक्षिका से कुल 59 लाख रुपए ठगों ने अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लिए। यह बैंक खाते उप्र, हिमाचल, बिहार व अन्य राज्यों के निकले। पुलिस ने केस दर्ज कर कड़ी से कड़ी जोड़ी तो आरोपियों तक पहुंची। पुलिस का कहना है कि, इस मामले में आरोपियों की संख्या और अधिक हो सकती है।

पैसे खत्म हुए तब सामने आया मामला

शिक्षिका ने पति को इस बारे में नहीं बताया। ठगों को पहले खुद के पास रखे पैसे दिए, फिर 12 लाख का गोल्ड लोन लिया। इतना ही नहीं तीन से चार लोगों से इमरजेंसी में ब्याज पर पैसे लेकर ठगों के बताए गए बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। लेकिन, बाद में जब शिक्षिका के पास पैसे ही नहीं बचे तो मामला सामने आया। इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।