
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट, संजीव जाट
Exclusive News : एक्सीडेंट का नाम सुनते ही लोग सिहर जाते हैं। हकीकत तो ये है कि ये शब्द ऐसा है, जिसे कोई भी सुनना नहीं चाहता। वैसे तो किसी भी हादसे को हम एक्सीडेंट ही कहते हैं, लेकिन सबसे अधिक एक्सीडेंट सड़कों पर ही होते हैं और इन दुर्घटनाओं का शिकार व्यक्ति किसी के घर का चिराग होता है या घर का महत्वपूर्ण सदस्य। हम बात कर रहे हैं सड़क हादसों की, जिनमें सैकड़ों लोग हर साल सिर्फ मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के बदरवास क्षेत्र में ही छोटी-छोटी लापरवाहियों के चलते लगभग हर रोज लोग काल कवलित हो रहे हैं। बदरवास क्षेत्र में साल 2024 में हुए लगभग तीन सैकड़ा हादसों में करीब तीन दर्जन से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
बदरवास ब्लॉक मुख्यालय देश के सबसे व्यस्ततम दिल्ली-मुंबई नेशनल हाइवे पर बसा हुआ है। जहां से रोजाना हजारों की संख्या में बड़े, छोटे, हैवी लोडेड वाहनों का आवागमन होता है। चौबीसों घंटे दिन-रात वाहनों के काफिले यहां से निकले रहते हैं। इन वाहनों के अलावा छोटे चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहनों की संख्या अलग है। फोरलेन हाइवे पर वाहनों की आवाजाही में रोजाना रोड एक्सीडेंट होते हैं और इन दुर्घटनाओं में कुछ तो हादसे का शिकार होकर जान से हाथ धो बैठते हैं और कुछ लोग गंभीर घायल होकर जीवन भर दुर्घटना का दंश झेलने को मजबूर हो जाते हैं।
बदरवास थाना क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण नेशनल हाइवे दिल्ली से मुंबई जाता है जो कि थाना क्षेत्र में लगभग 25 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करता है। साथ ही, क्षेत्र में अन्य सड़कें भी हैं, जिन पर भी ट्रैफिक अच्छी संख्या में गुजरता है। बदरवास क्षेत्र में सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट फोर लेन नेशनल हाइवे पर होते हैं। ऐसा कोई दिन नहीं, जिस दिन यहां कोई सड़क दुर्घटना घटित न हो और उसमें कोई हताहत न होता हो। सबसे अधिक दुर्घटनाएं दो पहिया वाहनों से हो रहीं हैं। खास बात ये है कि , यहां मृतकों संख्या भी सबसे ज्यादा मोटर साइकिल सवारों की ही रहती है।
बदरवास क्षेत्र में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है। सड़क पर बड़े वाहनों के शिकार हो रहे दो पहिया वाहनों पर बैठे लोग ही सबसे अधिक हो रहे हैं। इन दो पहिया वाहनों की दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण इनके चालकों का यातायात नियमों का सही से पालन न करना है। कुछ दुर्घटनाओं में बड़े वाहनों की गलती रहती है, लेकिन सर्वाधिक दुर्घटनाओं के शिकार हुए लोगों में दो पहिया वाहन चालकों की गलती रही है। आजकल दो पहिया वाहन इतनी अधिक संख्या में हैं और रोजाना नए वाहन सड़कों पर आ रहे हैं, लेकिन इन्हें चलाने वाले लोगों में यातायात के नियमों की जानकारी का अभाव और जागरूकता की कमी है। अंधाधुंध तरीके से कई बार नशे की हालत में वाहन चलाने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।
बदरवास थाना क्षेत्र में रोजाना सड़क दुघटनाएं होती हैं और इनमें रोजाना ही लोग हताहत हो रहे हैं। बात अगर बीते साल यानी 2024 की करें तो करीब तीन सैकड़ा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें सैकड़ों लोग गंभीर घायल हुए और इन तीन सैकड़ा सड़क दुर्घटनाओं में करीब तीन दर्जन से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। सालभर में इतनी सड़क दुर्घटनाएं और मृतक तथा हताहतों की इतनी बड़ी संख्या चिंता का विषय बन गई है। अगर सिर्फ दो पहिया वाहनों पर ही सख्ती कर दी जाए। इनमें भी प्रमुख तोर पर नशे में वाहन चलाने वालों और बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले वाहन चालकों पर विशेष फोकस किया जाए तो काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।
माह ------- मौत
जनवरी ----- 5
फरवरी ----- 7
मार्च ----- 3
अप्रैल ----- 1
मई ----- 2
जून ----- 4
जुलाई ----- 1
अगस्त ----- 3
सितंबर ----- 1
अक्टूबर ----- 3
नवंबर ----- 1
दिसंबर ----- 3
बदरवास से निकले नैशनल हाइवे पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इन दुर्घटनाओं में लोग जान से हाथ धो बैठते हैं। लगातार दुर्घटनाओं होती रहती हैं और ब्लैक स्पॉट यथावत हैं, इनमें कोई सुधार या परिवर्तन नहीं हुए हैं।
-ग्राम कुल्हाड़ी
-दीघोद
-बामोर जीरो प्वाइंट
-नवीन तहसील के सामने
-श्रीपुर पुरुषोत्तम धाम
-गुना बायपास
-ग्राम सुमेला
-रेलवे ओवर ब्रिज
-ग्राम ईसरी
-अटलपुर
बदरवास क्षेत्र से गुजरे फोर लेन नेशनल हाइवे पर दुर्घटनाओं में बहुत बड़ी लापरवाही नेशनल हाइवे अथॉरिटी की है। पूरे रोड पर विभाग की लापरवाही साफ उजागर होती है। अधिकतर स्थानों पर सूचना संकेतक, बोर्ड, रेडियम लाइट समेत अन्य यातायात सूचक साधनों का अभाव है। बात बदरवास शहर की करें तो दोनों ओर के बायपास पर ऐसे कोई सूचना संकेतक नहीं हैं, जिनसे वाहन चालकों को शहर की ओर और बाहर जाने की सूचना मिल सके। अगर दोनों तरफ के बायपास चौराहों पर बड़े बड़े सूचना बोर्ड लग जाएं, बदरवास शहर नाम से संकेतक बोर्ड लगे तो दुर्घटनाओं में अंतर आ सकता है। साथ ही, ब्लैक स्पॉट और पूरे रोड क्षेत्र में पर्याप्त सूचना संकेतक, बोर्ड, रेडियम प्लेटें, रोड लाइन समेत घुमाव और सावधानियां, गति निर्धारक बोर्ड लगें तो वाहन चालकों को आवागमन में सुविधा होगी और ब्लैक स्पॉट की जानकारी होने पर वाहन चालक सचेत होकर निकलेंगे।
मामले को लेकर कोलारस एसडीओपी विजय यादव का कहना है कि वाहन चालकों को जागरूक करने अभियान चलाएंगे, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आ सके और नेशनल हाइवे अथॉरिटी से भी चर्चा कर विभिन्न स्थानों पर संकेतक सहित अन्य बोर्ड लगवाएंगे।
Updated on:
15 Jan 2025 09:33 am
Published on:
15 Jan 2025 09:32 am
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