
Chaitra Navratri: शक्ति की भक्ति का नौ दिवसीय महापर्व चैत्र नवरात्रि इस बार 30 मार्च से प्रारंभ होगा। नवरात्रि में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है, क्योंकि मान्यता है कि माता की सवारी के अनुसार ही आने वाले दिनों के फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य शर्मा के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ रविवार से हो रहा है और इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर धरती पर आएंगी।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता रानी का हाथी पर आगमन अति शुभ संकेत माना जाता है। हाथी सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक होता है, और जब देवी दुर्गा इस सवारी पर विराजमान होकर आती हैं, तो इसका विशेष महत्व बढ़ जाता है। विशेष रूप से किसानों के लिए यह अच्छी फसल और पर्याप्त बारिश का संकेत होता है। इसके साथ ही, धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह योग देश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और व्यापार-धंधों में उन्नति का संकेत देता है।
शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला बताया गया है। नवरात्रि के दौरान भक्तजन उपवास, पूजा-पाठ, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करके माता रानी की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
हर वर्ष कुल चार नवरात्रि पड़ती हैं। इनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो प्रत्यक्ष नवरात्रि मनाई जाती हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष नवरात्रि कहलाती हैं, जिन्हें गृहस्थ लोग विशेष रूप से मनाते हैं। जबकि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक एवं अन्य साधक विशेष साधनाएं करते हैं।
इस साल की पहली गुप्त नवरात्रि (माघ नवरात्रि) प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान संपन्न हो चुकी है। अब चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही भक्तगण माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करेंगे और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करेंगे।
इस बार चैत्र नवरात्रि कई शुभ योगों में प्रारंभ हो रही है। 30 मार्च को जब यह महापर्व आरंभ होगा, तब सर्वार्थ सिद्धि योग विद्यमान रहेगा।
चैत्र नवरात्रि 2025 में माता रानी की आगमन की सवारी हाथी होगी, तो प्रस्थान भी हाथी पर ही होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सोमवार, 7 अप्रैल को जब नवरात्रि का समापन होगा, तब माता दुर्गा हाथी पर ही सवार होकर विदा लेंगी।
Published on:
21 Mar 2025 09:40 am
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