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Shivpuri DPC ऑफिस में झगड़ा, अफसर की अंगुली चबा गया बीआरसीसी

Shivpuri DPC एमपी के शिवपुरी में ऑफिस में अनोखा झगड़ा हुआ। यहां के जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ डीपीसी अशोक त्रिपाठी व शिवपुरी के बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के बीच न केवल मारपीट हुई, बल्कि ओझा ने त्रिपाठी की अंगुली चबा ली।

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ऑफिस में अनोखा झगड़ा

Shivpuri DPC एमपी के शिवपुरी में ऑफिस में अनोखा झगड़ा हुआ। यहां के जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ डीपीसी अशोक त्रिपाठी व शिवपुरी के बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के बीच न केवल मारपीट हुई, बल्कि ओझा ने त्रिपाठी की अंगुली चबा ली। घटना के बाद डीपीसी जहां रिपोर्ट करने पुलिस कोतवाली पहुंच गए, वहीं बीआरसीसी कलेक्ट्रेट में चल रही बैठक में केबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से मिलने जा पहुंचे। हालांकि कलेक्टर ने बीआरसीसी को मंत्री से मिलने से यह कहते हुए रोक दिया कि विभागीय मामला है,उसे अपने स्तर पर निपटाएं।

डीपीसी अशोक त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि 30 जुलाई को रविवार को मैंने बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा को शासकीय कार्य से संबंधित काम के लिए फोन लगाया तो उनका मोबाइल बंद था। तब उनके कार्यालय के ऑपरेटर हेमंत खटीक को फोन लगाकर उक्त कार्य के संबंध में चर्चा की। बकौल डीपीसी, सोमवार दोपहर डेढ़ बजे जब वे अपने चेंबर में बैठकर काम निपटा रहा था, तभी बालकृष्ण ओझा मेरे चेंबर में आए और मुझसे गाली गलौच एवं जान से मारने की धमकी देने लगे।

डीपीसी ने बताया कि विवाद टालने के लिए मैं अपने चेंबर से बाहर आ गया। कुछ देर बाद जब फिर मैं अपने चेंबर में गया तो ओझा फिर मुझे धमकी देने लगे। मैं चेंबर से बाहर निकलकर आया तो वह मेरे पीछे आए और मेरे साथ हाथापाई करने लगे। इतना ही नहीं, उन्होंने मेरे बांये हाथ की अंगुली में काट लिया। इससे मेरी अंगुली से खून निकल आया।


कारण बताया, तो चांटा मारा
बीआरसीसी बालकृष्ण ओझा के अनुसार शिवपुरी के सभी आठ ब्लॉक में से शिवपुरी ब्लॉक की एनएमएमएस रिपोर्ट कम रह गई है, जिसका कारण बताने मैं आज उनके ऑफिस गया था। उन्होंने मुझे चांटा मार दिया तथा मेरे साथ मारपीट की। मैंने न तो उनकी अंगुली चबाई और न विवाद किया।

इधर डीपीसी अशोक त्रिपाठी ने इस आरोप पर कहा कि मैने उन्हें चांटा नहीं मारा, बल्कि वे ही अपने साथ 8-10 लोग लड़ने आए थे। बदरवास बीआरसीसी अंगद तोमर की भी मैंने सही जांच की, तो वो भी उनके साथ आए थे। उनका यह भी कहना है कि शिवपुरी बीआरसीसी ओझा हर शनिवार व रविवार को मोबाइल बंद कर मुख्यालय छोड़ जाते हैं।

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