
AYUSH Hospital, a trusted Ayurvedic worker in the district
सीधी/पथरौला. मझौली जनपद की पथरौला ग्राम पंचायत में संचालित आयुष अस्पताल महिला आयुर्वेद कार्यकर्ता के भरोसे चल रहा है। यहां न डॉक्टर पदस्थ हैं न ही कोई कंपाउंडर। महिला कार्यकर्ता मंजू साकेत ने बताया कि कम्पाउंडर राजाराम मिश्रा मंगलवार व गुरुवार को महज 10 मिनट के लिए आते हैं। जिससे यहां आने वाले मरीजों को परेशानी होती है।
गंभीर मरीजों होती है परेशानी
पत्रिका ने इस समस्या पर जब कम्पांडर राजाराम मिश्रा से दूरभाष पर चर्चा की तो उन्होंने दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि मेरी मूल पदस्थापना सिहावल जनपद के खुटेली आयुष औषधालय में है। उच्चाधिकारियों ने जबरन मेरी ड्यूटी सप्ताह में दो दिन पथरौला आयुष औषधालय में लगाई है। मैं सुबह 7 बजे खुटेली से चलता हूं तो डेढ़ बजे पथरौला पहुंच पाता हूं।
इलाज कम पैसे होते हैं ज्याद खर्च
बस न होने के कारण बमुश्किल 10 मिनट रुककर उसी बस से वापस भी लौटना पड़ता है। बस लेट होने के कारण कई बार सीधी से ही वापस हो जाना पड़ता है। मिश्रा ने बताया कि मैं चाहकर भी किसी से नहीं मिल पाता। न ही पथरौला अस्पताल में मेरी कोई दिलचस्पी है। अधिकारियों ने जबरन दो दिन की ड्युटी लगा दी है। कहा तीन महीने से वेतन भी नहीं मिली है, कैसे 100 किमी दूर आना जाना करूं।
तो बंद करे देना चाहिए
अस्पताल की अव्यवस्था पर जब ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि यह अस्पताल महज देखने के लिए है। डॉक्टर हैं न दक्ष स्टाफ। स्थानीय मरीजों को उपचार के लिए जब बाहर ही जाना पड़ता है तो इसे बंद ही कर देना ही बेहतर होगा। दवाइयां भी नहीं मिलती हैं। अमले को सिर्फ अपने वेतन की चिंता रहती है। ग्रामीणों ने कलेक्टर अभिषेक सिंह का ध्यान आकर्षित कराते हुए व्यवस्था में सुधार की मांग की है।
Published on:
13 Mar 2019 06:48 pm
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