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जिले के पांच वार्ड भी खनन परियोजना में होंगे शामिल, अब पीसीबी सुनेगा जनता की आपत्ति

दुद्धिचुआ परियोजना विस्तार की पर्यावरण सुनवाई आठ को

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District's five wards will also be included in the mining project

District's five wards will also be included in the mining project

सिंगरौली. एनसीएल को करीब एक दशक से बड़े स्तर पर कोयला खनन के बाद अब दुद्धिचुआ परियोजना के क्षेत्र विस्तार की जरूरत आन पड़ी है। इस उद्देश्य से एनसीएल अपनी इस परियोजना के लीज क्षेत्र में विस्तार चाहती है ताकि नई जगह पर भी कोयला खनन किया जा सके। इसके लिए एनसीएल की ओर से अपनी इस परियोजना के क्षेत्र विस्तार से पहले वन मंत्रालय से पर्यावरणीय मंजूरी मांगी गई है। अब केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर क्षेत्र विस्तार से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसे लेकर आठ फरवरी को जनसुनवाई करेगा। एनसीएल को दुद्धिचुआ परियोजना के क्षेत्र विस्तार की मंजूरी मिलने से शहरी क्षेत्र के पांच वार्डों का इलाका और वहां बड़ी संख्या मेंं बसे परिवार प्रभावित होंगे।

नहीं मिली कोई आपत्ति
केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय ने एनसीएल के खनन क्षेत्र विस्तार के लिए पेश आवेदन पर बीते वर्ष एक फरवरी को जनसुनवाई करने और विस्तारित क्षेत्र के दायरे में आने वाले लोगों की आपत्तियों के संकलन कर निराकरण करने का आदेश दिया। आदेश की पालना में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय की ओर से वहां के सामुदायिक भवन में पर्यावरणीय जन सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तिथि तय की गई है। इस दिन दुद्धिचुआ परियोजना के खनन क्षेत्र के प्रस्तावित विस्तार खनन क्षेत्र में आने वाले लोगों की जनसुनवाई जिला कलेक्टर या उनके नामित प्रतिनिधि की मौजूदगी में सुबह ११ बजे से परियोजना के सेक्टर ए में स्थित सामुदायिक भवन में की जाएगी। परियोजना के लिए कोयला खनन क्षेत्र के विस्तारित क्षेत्र मेें आने वाले प्रभावित परिवार या अन्य नागरिक इस जनसुनवाई में योजना पर पर्यावरण संबंधी अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि की मौजूदगी मेंं एनसीएल के अधिकारियों की ओर से सुनवाई में आने वाली हर आपत्ति का जवाब दिया जाएगा।

मांगे गए थे सुझाव
ओपन कोल परियोजना के विस्तार के संबंध में ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जनसुनवाई से पहले भी संबंधित क्षेत्र के नागरिकों व अन्य लोगों से परियोजना से जुड़े पर्यावरणीय विषयों पर आपत्ति के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के संबंध में सुझाव आदि मांगे गए थे। परियोजना के प्रस्तावित विस्तार क्षेत्र में आने वाले नागरिक व पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोग इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय कार्यालय को अपनी बात कह सकते हैं। इसके अलावा बोर्ड की ओर से जनसुनवाई के दिन आठ फरवरी को लोगों की आपत्ति या शिकायत को मौखिक तौर पर भी दर्ज किया जाएगा और उनका निराकरण करना होगा।