
भाजपा नेता से रिश्वत लेते धराई महिला क्लर्क (Photo Source- Patrika Input)
Bribe Case : सरकार की तमाम सख्तियों और छापामार दलों की लगातार कार्रवाईयों के बावजूद मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम ये है कि, पुरुष अफसर या कर्मचारी तो दूर महिला अफसर या कर्मचारी तक रिश्वत लेते पकड़ा रही हैं। बुधवार सुबह मंदसौर जिला थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार कालाखेत सहायक प्रबंधक हिमांगिनी शर्मा 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ाने की कार्रवाई अभी पूरी हुई भी नहीं थी कि, सीधी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की महिला लिपिक 8 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाई हैं।
रीवा लोकायुक्त पुलिस ने सीधी में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। आरईएस विभाग के एक साथ तीन अधिकारी-कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है। विभाग की लिपिक नेहा सिंह को 8 हजार रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को कार्यालय में ही ट्रैप किया है। महिला कर्मचारी पुल निर्माण के भुगतान क़े बदले में 15 हजार की रिश्वत मांगी थी।
जबकि, इसके पहले शिकायत की सत्यापन के दौरान पुष्टि होने पर उपयंत्री राकेश मौर्य और एसडीओ राम आश्रय पटेल के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था। लोकायुक्त पुलिस कार्रवाई से एक बार फिर शासकीय विभागों में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया है।
लोकायुक्त पुलिस ने आरईएस विभाग के कार्यालय में लिपिक नेहा सिंह को ट्रेप करने के बाद अग्रिम कार्रवाई के लिए उच्च विश्राम सीधी ले आई है, जहां भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई जारी है।
शिकायतकर्ता राजकुमार साकेत चुरहट तहसील अंतर्गत बड़खरा के रहने वाले हैं। खास बात ये है कि, शिकायतकर्ता भारतीय जनता पार्टी के मंडल महामंत्री हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि, प्रदेश में भ्रष्टाचार का स्तर इस चरम पर है कि, सरकारी विभागों से काम कराने के लिए राज्य के सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं तक को रिश्वत देनी पड़ रही है तो फिर आम लोगों का क्या हाल होगा? बता दें कि, भाजपा मंडल महामंत्री राजकुमार साकेत ने पुल निर्माण के भुगतान के एवज में 15 हजार रूपए रिश्वत मांगी थी।
Updated on:
08 Oct 2025 03:50 pm
Published on:
08 Oct 2025 03:32 pm
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