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राजस्थान में साइबर अटैक, सामने आए 1600 से अधिक मामले, आप भी रहे सतर्क !

locationसीकरPublished: Jan 21, 2019 10:41:20 am

Submitted by:

Vinod Chauhan

हथियार के बल पर लूट के अलावा ऑनलाइन होने वाली साइबर ठगी ने पुलिस थानों में बूम ला दिया है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि एक साल में आइटी एक्ट के डेढ़ हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेशभर में दर्ज 1200 के करीब मुकदमों की जांच में पुलिस अभी मुख्य आरोपी तक पहुंची नहीं है

हथियार के बल पर लूट के अलावा ऑनलाइन होने वाली साइबर ठगी ने पुलिस थानों में बूम ला दिया है।

राजस्थान में साइबर अटैक, सामने आए 1600 से अधिक मामले, आप भी रहे सतर्क

जोगेंद्र सिंह गौड़, सीकर.

हथियार के बल पर लूट के अलावा ऑनलाइन होने वाली साइबर ठगी ने पुलिस थानों में बूम ला दिया है। पत्रिका पड़ताल में सामने आया है कि एक साल में आइटी एक्ट के डेढ़ हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेशभर में दर्ज 1200 के करीब मुकदमों की जांच में पुलिस अभी मुख्य आरोपी तक पहुंची नहीं है और रिपोर्ट पुलिस थानों में धूल फांक रही हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के तहत हर जिला स्तर तक फैल रहे इस अपराध ने पुलिस के सामने भी चुनौती खड़ी कर दी है। एजुकेशन हब जैसे सीकर व झुंझुनूं जिले में साइबर अपराध की श्रेणी में आने वाले 250 के करीब प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें चूरू जिला भी अछूता नहीं है। विभाग का मानना है कि साइबर ठगी तो बहुत हुई हैं। लेकिन, पुलिस थानों तक सारे प्रकरण पहुंचे ही नहीं हैं।

हालांकि विभाग ने इस तरह के प्रकरणों पर अंकुश लगाने के लिए साइक्लोसेल बना रखी है। जो कि, साइबर सेल से जुड़े मामलों की गहराई तक पहुंचने का जिम्मा उठाती है। परंतु बाकी अपराध की बढ़ रही घटनाओं में इनका इस्तेमाल ही हो रहा है। टीम अपराधी की कॉल डिटेल व आइडी जुटाने तक में सिमट गई है। सीकर जिला पुलिस के अनुसार फर्जी कॉल कर ठगी व ऑनलाइन बिजनेस के जरिए होने वाली धोखाधड़ी के 100 से 150 मामले हैं। जिनमें ज्यादातर युवा शिकार बने हैं। इनको आइटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। जिनमें अश्लील वीडियो बनाकर ठगी करने के प्रकरण भी शामिल हैं।

नौकरी का भेजा प्रमाण
पिपराली रोड पर रहने वाले सेवानिवृत सरकारी कर्मचारी जगदीश के लडक़े ने शिकायत दी थी कि उसके पास एक कंपनी से अच्छा रोजगार दिलाने का फोन आया था। बदले में रजिस्ट्रेशन के नाम पर दो बार 25000 हजार रुपए का चेक सामने वाले ने ठगी कर अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया था। इसके बाद नौकरी के साथ पद का प्रमाण भिजवाने पर जयपुर पहुंचा तो हकीकत में यहां कोई कंपनी नहीं मिली। पुलिस ने कहा कि कंपनी ही फर्जी है तो इस एड्रेस पर कहां
से मिलेगी।

बैंक अधिकारी बनके ठगी
गांव बिडोली के बलदेवाराम ने सदर थाना पुलिस को रिपोर्ट देकर उसके खाते से 44000 हजार रुपए निकल जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें एक फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ठगी करने वाले ने एटीएम बंद होने का झांसा देकर किसान की फसल कटाई की रकम उसके खाते से चुरा ली थी। पीडि़त का आरोप है कि पुलिस केवल एक दिन बयान लेने के लिए पहुंची थी। इसके बाद कोई जवाब नहीं है। जांच के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की तफ्तीश पुलिस के पास दबकर रह गई है।

बिना कार्ड सवा लाख पार
फतेहपुर कोतवाली में पुरुषोतम द्वारा दर्ज कराए गए प्रकरण में उसके खाते से सवा लाख रुपए पार कर लिए गए। रात को जब उसके मोबाइल पर मिनी स्टेटमेंट जारी होने का मैसेज आया तो ठगी की जानकारी मिली। जबकि पीडि़त का कहना था कि बैंक का एटीएम भी उसके पास ही था और एटीएम नंबर भी गुप्त होने के बावजूद खाते से सवा लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर कैसे करवा लिए गए। यह उसकी समझ से भी बाहर हो रहा है। पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है।

जयपुर व जोधपुर रेंज आगे
ऑनलाइन ठगी में जयपुर ग्रामीण सहित जोधपुर रेंज में मामले ज्यादा सामने आए हैं। इनमें जयपुर ग्रामीण में सीकर, झुंझुनूं, दौसा, अलवर जिले शामिल हैं। जबकि जोधपुर रेंज में जोधपुर ग्रामीण सहित जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालौर व सिरोही जिले में इस तरह के मुकदमे दर्ज हुए हैं। हालांकि ऑनलाइन ठगी अजमेर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर व भरतपुर रेंज में भी की गई है। लेकिन, इनमें दर्ज करीब चार सौ प्रकरणों में पुलिस की जांच एक इंच भी आगे नहीं बढ़ पाई है।

इंटरनेट कॉलिंग का सहारा
ऑनलाइन ठगी करने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग इंटरनेट कॉलिंग का हुआ है। ताकि पुलिस आसानी से ठगी करने वाले तक पहुंच नहीं पाए। या फिर दूसरे राज्यों की सिम का इस्तेमाल कर पीडि़त को ठगी की वारदात का निशाना बनाया गया है। हालांकि शिकायतकर्ताओं की रिपोर्ट में पुलिस ने जब फोन आने वाले नंबरों का पता लगाया तो सिम किसी दूसरे के नाम की मिली। गहराई में जाने पर मालूम हुआ कि सिम खो जाने के बाद संबंधित व्यक्ति ने दूसरी सिम को उपयोग में लेना शुरू कर दिया था।

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