
IPS Rekha Siyak Success Story: केंद्रीय संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा के परिणाम में जिले के होनहारों ने एक बार फिर अपनी काबिलियत से कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। जिले के आधा दर्जन से ज्यादा अभ्यर्थियों ने अच्छी रैंक के साथ परीक्षा में परचम फहराया है। खास बात है कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा में भी बेटियों ने ही बेटों पर बढ़त हासिल की है। परिणाम आते ही उनके घरों से लेकर मोहल्लों व गांवों में जश्न का माहौल रहा।
वहीं यूपीएससी के परिणाम में लक्ष्मणगढ़ तहसील के घाणा गांव निवासी रेखा सियाक ने अखिल भारतीय स्तर पर 176वीं रैंक के साथ जिले का मान बढ़ाया है। कक्षा तीसरी से 12वीं तक प्रिंस स्कूल व पीसीपी में पढ़ी रेखा ने जेईई में सफलता के बाद एमएनआईटी जयपुर से बीटेक और बहुराष्ट्रीय कम्पनी में ढाई साल नौकरी के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर ये मुकाम हासिल किया है।
रेखा के पिता मदनलाल सियाक एलआइसी में एजेंट व मां रामावती देवी गृहिणी हैं। तीन भाई-बहिनों में सबसे छोटी रेखा ने रोजाना 8 से 10 घंटे की पढाई व सोशल मीडिया से दूरी रखते हुए कामयाबी का रास्ता तय किया है। इस सफलता पर प्रिंस एजुहब निदेशक जोगेंद्र सुंडा, चेयरमैन डा. पीयूष सुंडा, मुख्य प्रबंध निदेशक राजेश ढिल्लन, प्रबंध निदेशक मनोज ढाका आदि ने रेखा व परिजनों का सम्मान किया।
यूपीएसपी यह भी पढ़ेंपरीक्षा में बिडोली गांव के पीयूष गठाला ने सामान्य वर्ग में 309वीं रैंक आई है। इससे पहले 2022 में सिविल सर्विसेज में 574 वीं रैंक आई थी और उन्हें आईपीए कैडर अलॉट किया गया था। वे अभी नेशनल पुलिस एकेडमी, हैदराबद में ट्रेनिंग कर रहे हैं। पीयूष के पिता घनश्याम गठाला सीकर कोर्ट में अधिवक्ता हैं व माता शकुंतला चौधरी राउमावि चंदपुरा में प्रिंसिपल के पद पर तैनात हैं। पीयूष गठाला ने आईआईटी मुंबई से एयरोस्पेश में बीटेक किया था।
यूपीएससी की परीक्षा में दो साल पहले आइआरएस में चयनित कूदन निवासी मनोज महरिया का भी 504 रैंक के साथ आइपीएस में चयन हुआ है। कभी रणजी खिलाड़ी रहे मनोज फिलहाल हैदराबाद में प्रशिक्षण ले रहे हैं। आइपीएस में चयन पर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पैतृक गांव कूदन में भी जश्न का माहौल रहा। गौरतलब है कि डीआइजी प्रीति चंद्रा कूदन गांव की पहली आइपीएस है।
Published on:
23 Apr 2025 08:59 am
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