
सीकर/बुहाना. छत्तीसगढ़ के सीआरपीएफ कैम्प में साथी जवान द्वारा एके47 से बरसाई गई गोलियों ने शेखावाटी को भी गहरा जख्म दिया है। नक्सल प्रभावित बीजापुर के बासागुड़ा में सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन के एक जवान ने कथित आपसी विवाद के बाद सीआरपीएफ के साथी जवानों पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें चार जवान मारे गए। मरने वाले में एक जवान झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ तहसील के गांव बलौदा निवासी एएसआई राजवीर था। राजवीर ने साथियों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी थी, मगर ना साथी बच पाए ना खुद।
सोमवार को गांव बलौदा में सीआरपीएफ के एएसआई राजवीर का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। राजवीर का शव जब घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल था। पार्थिव देह को साथी जवानों व पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर व सलामी दी।
1988 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे राजवीर
राजवीर के चचेरे भाई पूर्व सरपंच छोटूराम व पीईईओ दारासिंह ने बताया कि राजवीर 1988 में बीकानेर में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग दिल्ली, असम, कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, व छत्तीसगढ़ में रही। पिछले आठ साल से वे छत्तीसगढ़ में ही तैनात थे। उनके दो पुत्र व एक पुत्री है।
दिलवाएंगे शहीद का दर्जा
सीआरपीएफ के एएसआई राजवीर की अंतिम विदाई में शामिल हुए सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार ने कहा कि वे सरकार से एएसआई राजवीर को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए मांग करेंगे। वहीं प्रधान सुभाष पूनिया व सुरेन्द्र अहलावत ने दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और राजवीर को शहीद का दर्जा देने की मांग रखी।
फायरिंग में गई जान
सीआरपीएफ के सीओ श्यामुदीन ने बताया कि सीआरपीएफ के बांसगुड़ा कैम्प में शनिवार को जवान संतराम द्वारा की गई फायरिंग में एएसआई राजवीर सहित चार जवानों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था।
उन्होंने बताया कि फायरिंग के दौरान संतकुमार को एएसआई राजवीर ने पकड़ भी लिया था। लेकिन संत कुमार ने अंधाधुंध फायरिंग की। अधिकारी ने बताया कि आरोपी जवान संतकुमार हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है।
अंतिम संस्कार में सीआरपीएफ के सीओ श्यामुदीन, एसएचओ कमलेश चौधरी, विधायक श्रवण कुमार, प्रधान सुभाष पूनिया, भाजपा नेता सुरेन्द्र अहलावत, करमवीर यादव, नायब तहसीलदार सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।
Jhunjhunu ASI की ड्यूटी का था अंतिम दिन
परिजनों ने बताया कि घटना से एक दिन पहले एएसआई राजवीर ने घर पर फोन किया और बताया कि था उसका छत्तीसगढ़ से गुडग़ांव तबादला हो गया है। वह अगले दिन घर आने वाला था। इसके बाद गुडग़ांव ज्वाइन करने जाता, मगर अपनी ड्यूटी के अंतिम उसकी छत्तीसगढ़ में ही जान चली गई।
Updated on:
13 Dec 2017 04:13 pm
Published on:
12 Dec 2017 09:10 pm
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