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सीकर के गांव की दो बेटियां विदेश में करेंगी पढ़ाई… दिलचस्प है सरकारी स्कूल से फॉरेन यूनिवर्सिटी तक का सफर

मूंडरू की विधि व रायपुर की संजना का विदेश के करेंगी स्नातक, राजकीय स्कूलों के बालिका वर्ग में प्रदेश में टॉप थ्री में शामिल है बालिकाएं

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Chief Minister Hamari Beti Yojana rajasthan

सीकर। सीकर जिले की दो छोटे गांवों की बेटियों ने कभी यह नहीं सोचा था कि उन्हें विदेश जाकर आगे पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। जिले के दो अलग-अलग छोटे से गांवों की दो बेटियों ने सरकारी स्कूल में पढ़कर ऐसा मुकाम हासिल किया कि उन्हें राज्य सरकार की ओर से फॉरेन यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन करने का मौका मिला है। यह सूचना मिलते ही दोनों गांवों के लोग खुशी से फूलों नहीं समां रहे हैं।

हम यहां बात कर रहे हैं सीकर के मूंडरू कस्बे की निवासी विधि कंवर पुत्री लाखन सिंह व पाटन ब्लॉक के रायपुर की संजना कंवर की। जिनका राज्य सरकार की ओर से विदेश अध्ययन योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना में चार साल की स्नातक शिक्षा के लिए विदेश में पढ़ाई के लिए बालिकाओं का चयन हुआ है।

सरकारी स्कूल की हैं छात्राएं

विधि कंवर ने मूंडरू के महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से इसी वर्ष दसवीं कक्षा में 98.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। वहीं रायपुर स्थित राजकीय महात्मा गांधी सीनियर सेकंडरी विद्यालय से संजना कंवर ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में 98.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।

अकेले सीकर से दो छात्राएं

मूंडरू के महात्मा गांधी विद्यालय के प्रधानाचार्य भैरूराम यादव व रायपुर एमजी स्कूल के प्रधानाचार्य ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि शिक्षा विभाग बीकानेर से विद्यालय को पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना के तहत विदेश में स्नातक की पढ़ाई के लिए बालिकाओं का चयन किया गया है। पूरे प्रदेश से अकेले सीकर जिले की दो बालिकाओं का चयन हुआ है।

दूध डेयरी में काम करते है संजना के पिता

संजना के पिता दूध डेयरी में काम करते हैं। संजना शुरू से ही पढ़ाई में तेज है, उसका आईएएस बनने का सपना है। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते यह मुश्किल लग रहा था, लेकिन अब बालिका का विदेश में पढ़ाई के लिए चयन होने पर भविष्य की राह आसान हो जाएगी। वहीं विधि के पिता लाखन सिंह ग्राम विकास अधिकारी है।

2015-16 में शुरू हुई थी योजना

मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना की शुरुआत वर्ष 2015-16 में हुई थी। प्रतिवर्ष योजना के तहत राजकीय विद्यालय में अध्ययनरत रहकर माध्यमिक परीक्षा (कक्षा 10) की मेरिट लिस्ट की सूची में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को 12वीं कक्षा पास करने के बाद स्नातक स्तर (चार वर्षीय) की शिक्षा राजकीय व्यय पर विदेश में प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाती है। योजना में चयन होने पर कक्षा 11 व 12वीं की पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष अधिकतम एक लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से प्रदान किए जाते है। वहीं स्नातक की पढ़ाई के लिए चार वर्ष तक 25 लाख रुपए सालाना के हिसाब से कुल एक करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाते है।

2017 में कैलिफोर्निया गई थी जलालपुर की भानुप्रिया

योजना की शुरुआत वर्ष 2015-16 में हुई थी। वर्ष 2017 में जलालपुर की भानुप्रिया शर्मा पुत्री सोहन लाल शर्मा का चयन हुआ था। भानुप्रिया ने इस योजना के तहत कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। वर्तमान में भानुप्रिया सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही है।