
फोटो- राजस्थान पत्रिका
Rajasthan News: गुजरात के अहमदाबाद (नरौड़ा) में रहने वाले एक 11 वर्षीय बालक को मां ने स्कूल जाने व पढ़ाई के लिए डांट दिया तो बच्चा नाराज होकर डूंगरपुर स्थित अपने रिश्तेदारों के पास जाने के लिए घर से निकल पड़ा। रास्ता भटक जाने के कारण वह 800 किलोमीटर दूर सीकर रेलवे स्टेशन पहुंच गया।
रेल्वे पुलिस व स्टेशन के स्टाफ ने देर रात इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी। बच्चे को ले जाकर उससे पूरी पूछताछ की गई। इंटनरेट से बच्चे के स्कूल का पता व फोन नंबर लेकर परिवार से संपर्क कर बच्चे को उसकी मां व परिवार से पांच दिन बाद मिलवाया। बाल कल्याण समिति, सीकर के समक्ष मिलने पर मां- बेटे एक दूसरे से लिपटकर रोने लगे। सहायक निदेशक डॉ. गार्गी शर्मा ने कहा कि छोटे बच्चों को डांटना नहीं चाहिए, बल्कि प्यार और समझाइश कर समझाना चाहिए।
बच्चा 17 सितंबर को मां के डांटने पर अहमदाबाद के नरौड़ा स्थित अपने घर से ननिहाल जाने के लिए निकल गया था। सीकर रेल्वे पुलिस को 18 सितंबर को रात को स्टेशन पर घूमता हुआ मिला। रेल्वे पुलिस ने बच्चे की सूचना चाइल्ड लाइन को दी। कर्मचारियों ने बालक की काउंसलिंग की, जिसमें उसने सिर्फ अपना नाम और अपने स्कूल का नाम एनएसएस स्कूल, नरौड़ा बताया। बच्चे ने माता-पिता के नाम व मोबाइल नंबर नहीं नहीं बताया।
गूगल से स्कूल का नाम व स्कूल संचालक नेबियार के मोबाइल नंबर लिए। स्कूल संचालक ने परिवार के मोबाइल नंबर बताए। समिति के सदस्यों ने माता-पिता को वीडियो कॉल कर बच्चे की पहचान करवाई। इसके बाद रविवार को बच्चे के माता-पिता पहचान के सारे दस्तावेज लेकर अहमदाबाद से सीकर आए। समिति के अध्यक्ष अंकुर बहड़, सदस्य बिहारी बालान, सदस्य पुष्पा सैनी के समक्ष पेश कर परिवार को सुपुर्द कर दिया।
Published on:
22 Sept 2025 02:51 pm
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