जिसमें समितियों पर डाटा लोगर लगाए जाएंगे, जिससे इन समितियों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर डेयरी में बैठे ही अधिकारियों को आसानी पता चल सकेगा। डाटा लोगर लगाने के लिए सरस डेयरी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कार्य शुरू कर दिया है। डेयरी ने आसपुरा बीएमसी सीमिति पर प्रयोग के तौर पर डाटा लोगर लगाया है। कुछ दिन इस समिति पर प्रयोग के बाद सकारात्मक परिणाम आने पर जल्द ही सभी बीएमसी समितियों पर डाटा लोगर लगाए जायेंगे। अभी प्रदेश में जयपुर डेयरी के अलावा, चितौडगढ़़,पाली व जालोर डेयरियों में भी डाटा लोगर लगाए गए है। डाटा लोगर लगने के बाद सीकर दुग्ध संघ भी इस श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
कैसे काम करेगा डाटा लोगर
डाटा लोगर जीपीआरएस सिस्टम की तरह ही काम करता है। इसमें बीएमसी समिति पर सैंसर लगेगा। जिससे समिति पर आने वाले दूध का माप तोल करके जैसे ही ठंडा होने के लिए मशीन में डाला जायेगा उसका नाम, एसएनएफ और फैट आदि का पता चल जायेगा। इसके अलावा मशीन का तापमान कितनी बजे कितना था। इसकी भी पल पल की जानकारी डेयरी में बैठे अधिकारियों के पास होगी। ऐसे में एक बार मशीन में ठंडा करने के लिए दूध डाल दिए जाने के बाद उससे वापस निकालने पर डेयरी में बैठे अधिकारियों को इसका पता चल जायेगा और फिर डेयरी संबंधितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर सकेगी।