बीमारी के उपचार के लिए उधारी
ममता की मां मनोज देवी के अनुसार उसके ससुर बीमार होने पर उन्होंने सूदखोरों से रुपए उधार लिए थे। उधारी के एक लाख के बदले पीडि़त परिवार ढाई लाख चुकता कर चुका है। लेकिन, फिर भी उनका ब्याज पूरा ही नहीं हो रहा है। जबकि अब तो उसके पति रामकरण भी चिंता में बीमार रहने लगे हैं। परिवार वालों को कहा तो सूदखोर उनकी भी नहीं सुन रहे हैं।
बीपीएल का प्रयास
गांव भैरूपुरा के जगदीशप्रसाद सुंडा और माधोपुरा के उम्मेद धायल का कहना है कि पीडि़त परिवार के लिए मानवाधिकार आयोग में अपील भिजवाई गई है। जिसमें इनका नाम बीपीएल क्षेणी में जोडऩे और इनके लिए शौचालय निर्माण की व्यवस्था करके देने की मांग शामिल है।