नए सत्र में 175 डी मर्ज स्कूलों के प्रस्ताव पर संशय
सीकरPublished: Apr 25, 2019 06:06:05 pm
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नए सत्र में 175 डी मर्ज स्कूलों के प्रस्ताव पर संशय
सीकर. शिक्षा मंत्री ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में मर्ज हुए सरकारी स्कूलों को नए सत्र में वापस खोलने का वादा किया था। शिक्षा विभाग ने जिले के 175 स्कूलों को डी मर्ज करने का प्रस्ताव निदेशालय को भेज दिया। लेकिन नए सत्र में इन स्कूलों के खुलने पर अभी भी संशय बना हुआ है।
गौरतलब है कि प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 30 प्रतिशत से कम नामांकन वाले कुल 998 स्कूलों को मर्ज किया था। जानकारी के अनुसार जिले में 175 स्कूलों के डी मर्ज प्रस्तावों में 52 स्कूलें प्राथमिक से प्राथमिक में तथा 123 स्कूलें प्राथमिक से माध्यमिक में शामिल हुए थे। प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भेजे गए प्रस्ताव संबंधित पंचायत समिति के पीइइओ, सीबीइओ, ब्लॉक से एसडीएम एवं विधानसभा के अलावा जिले स्तर पर प्रारंभिक व माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला कलक्टर से स्वीकृत किए हुए हैं। लेकिन इन प्रस्तावों के संबंध में विभाग के पास अभी निर्देशालय से कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं।
मर्ज स्कूल भवन बने खंडर
जिले में न्यून नामांकन वाले स्कूल मर्ज होने के बाद करोड़ो रुपए की लागत से निर्मित 998 भवन खंडर होते जा रहे है। इन भवनों का लोग गलत उपयोग कर रहे है। इन भवनों का मालिकाना हक शिक्षा विभाग के पास है। लेकिन विभाग ने इनकी देखरेख का जिम्मा किसी को नहीं दिया हैं। यदि विभाग किसी संस्था या जनप्रतिनिधि को इन भवनों का जिम्मा सौंप दे तो इनकी देखरेख हो सकती है। मर्ज किए गए अधिकतर स्कूलों के बच्चे सरकारी स्कूल नहीं जाते। बच्चों के अभिभावक उन्हें आस-पास में संचालित निजी स्कूलों मे दाखिला करवा दिया हैं। इससे सरकारी स्कूलों के नामांकन पर भी असर पड़ रहा हैं। जिसके लिए राज्य के शिक्षा विभाग काफी कमर भी कस चुका है। इसमें कोई कोताही भी बरतना नहीं चाहता है।