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श्याम भक्तों की परीक्षा, रास्ते में रोड़े ही रोड़े

locationसीकरPublished: Mar 04, 2019 05:34:18 pm

श्याम भक्तों की परीक्षा, रास्ते में रोड़े ही रोड़े

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श्याम भक्तों की परीक्षा, रास्ते में रोड़े ही रोड़े

श्याम भक्तों की परीक्षा, रास्ते में रोड़े ही रोड़े

खाचरियावास. बाबा श्याम का लक्खी फाल्गुनी मेला भरने मे दस दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते इस बार भी श्याम भक्तों की राह में कंकड़ ही कंकड़ हैं। खाचरियावास से लेकर बांय तक दस किलोमीटर का सडक़ जगह-जगह से टूटकर कंकड़ पत्थर उखड़ चुके हैं।
करीब एक दर्जन जगह बीच सडक़ पर गहरे गड्ढे भी हो गए हैं। वाहन लेकर चलना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। कस्बे की गोशाला के सामने, नाड़ा टोला, नाड़ा लाखू, चारणवास, बनाथला सहित जगहों पर इतने गहरे गड्ढे हो गए हैं। रोजाना दो पहिया वाहन चालक गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। बाबा श्याम के लक्खी मेले के दौरान जयपुर व नागौर जिले के सैकड़ों गांवों के लोग इस सडक़ मार्ग से पैदल यात्रा कर श्याम दर्शन को जाते हैं। वहीं मेले के दौरान सबसे ज्यादा वाहन भी इसी सडक़ से होकर आगे गुजरते हैं। पिछले दो साल से सडक़ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है बार बार प्रशासन को अवगत करवाने के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कच्चे मकान में लगी आग, सिलेंडर फटने से बचा
फतेहपुर. निकटवर्ती गांव मंडेला बड़ा में रविवार रात एक कच्चे मकान में अज्ञात कारणों से आग लग गई करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद लोगों ने आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक हजारों का माल स्वाहा हो गया। जानकारी के अनुसार मंडला बडा की एक ढाणी में कला राम गुर्जर के मकान हैं। मकान में एक कच्चा मकान बना हुआ है अज्ञात कारणों से रात करीब 10 बजे उस मकान धुआं निकलने लगा। कच्चे मकान में रसोई बनी हुई थी। आग से रसोई में रखा सामान जलकर राख हो गया। रसोई में गैस सिलेंडर रखा हुआ था। गनीमत रही कि सिलेंडर फटने से बच गया। पटवारी फूल सिंह ने जायजा लिया।
लोसल कस्बे में आवारा पशुओं का आतंक
लोसल.शहर में यूं तो कई तरह की समस्याएं है, लेकिन आवारा पशुओं से हर किसी का सामना होता है। शहर के मुख्य मार्ग पर अमूमन हर समय आवारा पशुओं का झुंड से यातायात तो जाम होता ही है इसके साथ ही आए-दिन सडक़ हादसे भी होते हैं। इन पशुओं को यहां से हटाने के लिए पालिका प्रशासन की ओर से बड़े बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन वादों पर अमल आज तक नहीं किया गया। लोगों ने बताया कि जानबूझकर इन पशुओं को आवारा बनाया गया है, ये पशु स्थानीय लोगों के ही है। जब तक दूध देते हंै तब तक इन्हें घर में रखा जाता है, जैसे ही पशु दूध देना बंद करते हैं उन्हें सडक़ पर छोड़ दिया जाता है।मुख्य मार्गों पर सडक़ के बीचों बीच आवारा पशु खड़े रहते हैं। कई बार तेज रफ्तार वाहन पशुओं को टक्कर मार देते हैं, इस वजह से इलाके में तनाव की स्थिति भी बन जाती है। पालिका प्रशासन द्वारा पालिका बोर्ड की बैठको में भी आवारा पशुओं की समस्या को लेकर भी कई बार चर्चा हुई व प्रस्ताव भी बनाए गए लेकिन आज तक धरातल पर कुछ नहीं हुआ। यह पशु इतने भूखे होते है कि सडक़ो पर पड़े कचरे को खाकर अपनी भूख मिटाते हैं, सडक़ चलते राहगीर पशुओं को कभी कभार चारा भी डाल जाते हैं। लोगों ने आवारा पशुओं को गोशाला में भेजने के लिए कई बार प्रशासन से मांग की है। कस्बे के बस स्टैंड, बंध्या चौक व मुख्य बाजार में आवारा पशुओं के आतंक के कारण हर कोई परेशान है। लोगो ने बताया यहां पर आये दिन आवारा पशु आपस में लड़ते है जिससे कई बार बाजार में आये हुए लोग भी घायल हो जाते है हाल ही में करीब पांच दिन पूर्व भी एक शादी समारोह के दौरान एक महिला को आवारा पशुओं ने घायल कर दिया था।

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