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परिजनों की इस बात से खफा 11 साल के बच्चे ने फिल्मी स्टाइल में रची खुद के अपहरण की कहानी

सीकर जिले के अजीतगढ़ में बुधवार को 11 वर्षीय बच्चे के अपहरण ( Kidnap of Children in Ajitgarh ) की सूचना ने पुलिस की नींद उड़ा दी। लेकिन, बाद में अपहरण की कहानी ( False Story of Kidnapping ) झूठी निकली तो पुलिस ने राहत की सांस ली।

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सीकर

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Naveen Parmuwal

Nov 06, 2019

परिजनों की इस बात से खफा 11 साल के बच्चे ने फिल्मी स्टाइल में रची खुद के अपहरण की कहानी

परिजनों की इस बात से खफा 11 साल के बच्चे ने फिल्मी स्टाइल में रची खुद के अपहरण की कहानी

सीकर।
सीकर जिले के अजीतगढ़ में बुधवार को 11 वर्षीय बच्चे के अपहरण ( kidnap of Children in Ajitgarh ) की सूचना ने पुलिस की नींद उड़ा दी। हालांकि बच्चे ने गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचा ली। सूचना मिलते ही पुलिस महकमें में हडक़ंप मच गया। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जिलेभर में नाकाबंदी करवा दी। गांव में अपहरण की खबर मिलते ही लोग भी सकते में आ गए। लेकिन, बाद में अपहरण की कहानी ( False Story of Kidnapping ) झूठी निकली तो पुलिस ने राहत की सांस ली। दरअसल, किशोरपुरा निवासी 11 वर्षीय अंशु शर्मा कक्षा 6 का विद्यार्थी है। उसके परिजन उसे ननिहाल बोबाड़ी गांव जिला जयपुर में पढ़ा रहे थे। जो वह नहीं चाहता था। वह छुट्टी पर अपने गांव आया हुआ था। ऐसे में उसने खुद के अपहरण का षड्यंत्र रच लिया।

फिल्मी स्टाइल में रची पूरी कहानी
बच्चे ने खुद के अपहरण की कहानी पूरी फिल्मी स्टाइल में रची। उसने बताया कि वह अपने घर से बस स्टैंड स्थित चाचा की दुकान पर जा रहा था। इसी दौरान श्मशान घाट के पास एक गाड़ी में आए कुछ लोगों ने उसे पास बुलाकर पानी पिलाया और अपने साथ ले गए। गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर घोड़ा की ढाणी में वह गाड़ी से कूद गया और रोता हुआ एक दुकान पर चल गया। दुकानदार ने बच्चे से पूछा तो उसने खुद के अपहरण होने की बात कही। दुकानदार ने तुरंत ही उसके परिजन और पुलिस को सूचना दी। सूचना पर अजीतगढ़ पुलिस मौके पर पहुंचे। उन्होंने गाड़ी की तलाश में जिलेभर में नाकाबंदी करवा दी।

होटल में आ जाओ... एक बच्चे का 1 लाख रुपए लेंगे
थाने में बच्चे ने बताया कि उसे जब गाड़ी में ले जा रहे थे तब वह लोगों किसी को फोन पर होटल में आने के लिए बोल रहे थे। वह एक बच्चे का 1 लाख रुपए लेने की बात भी कर रहे थे। इसके बाद वह गाड़ी से कूद गया।

चोट के निशान नहीं मिले तो हुआ शक
अजीतगढ़ थाना प्रभारी सवाई सिंह ने बताया कि बच्चे के शरीर पर कहीं भी चोट या खरोंच का निशान नहीं पाया गया। जबकि, बच्चे का कहना था कि उसने चलती गाड़ी से छलांग लगाई थी। वहीं चलती गाड़ी में अपहरणकर्ता के चंगुल से बच निकलना एक बच्चे के लिए आसान नहीं है। ऐसे में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। कई बार पूछताछ के बाद आखिर वह टूट गया और अपहरण की झूठी कहानी का राज उगल दिया।

आरजे 52 गाड़ी का नंबर भी बताया
प्रारंभिक पूछताछ में बच्चे ने आरजे 52 गाड़ी के शुरूआती नंबर पुलिस को बताए। पुलिस जांच पड़ताल की तो नंबर शाहपुरा के निकले लेकिन गाड़ी का कोई सुराग नहीं लगा। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास की दुकानों पर भी पूछताछ की।

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