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राजस्थान में किसानों की होगी खुद की कंपनियां, बेचने-खरीदने के साथ खुद का प्रोडक्शन भी होगा तैयार, जानें कैसे

locationसीकरPublished: Feb 14, 2019 03:16:57 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

कृषि उपज का कम भाव मिलने एवं महंगे खाद बीच से तंगहाल सीकर के किसानों की भी अब खुद की कम्पनी होगी और वो अपनी उपज को अच्छे भावों में बेचने के साथ ही सस्ते खाद बीज भी इसी कम्पनी से खरीद सकेंगे।

कृषि उपज का कम भाव मिलने एवं महंगे खाद बीच से तंगहाल सीकर के किसानों की भी अब खुद की कम्पनी होगी और वो अपनी उपज को अच्छे भावों में बेचने के साथ ही सस्ते खाद बीज भी इसी कम्पनी से खरीद सकेंगे।

राजस्थान में किसानों की होगी खुद की कंपनियां, बेचने-खरीदने के साथ खुद का प्रोडक्शन भी होगा तैयार

रणजीत सिंह शेखावत, पलसाना.

कृषि उपज का कम भाव मिलने एवं महंगे खाद बीच से तंगहाल सीकर के किसानों की भी अब खुद की कम्पनी होगी और वो अपनी उपज को अच्छे भावों में बेचने के साथ ही सस्ते खाद बीज भी इसी कम्पनी से खरीद सकेंगे। यह सब संभव होगा केन्द्र की नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी योजना के तहत। नाबार्ड के अधिकारियों ने बताया कि सीकर में योजना के तहत दस कम्पनियां बनेगी। इसके लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है और सीकर में इसको लेकर काम भी शुरू हो चुका है। कई किसान कम्पनियों में अपना अंशदान देकर सदस्य भी बन गए हैं।


कैसे होगा किसानों को फायदा
कम्पनी के काम शुरू करने के बाद कम्पनी किसानों को अनाज व सब्जियां स्वयं खरीदेगी। जिससे किसानों को अपनी उपज पर चार से पांच प्रतिशत ज्यादा आमदनी शुरू हो जायेगी। साथ ही खाद बीज भी बाजार से कम भावों में मिल सकेगा। कम्पनी के स्थापित होने पर कम्पनी खुद के प्रोडक्ट भी तैयार करेगी। ऐसे में किसानों को होने वाली आय में ओर भी ज्यादा मुनाफा होगा।


इस तरह के प्रोडक्ट से मिलेगा लाभ
सीकर के किसानों आज जहां प्याज व सब्जियों के कम भाव मिलने के कारण घाटे से जुझ रहे है। लेकिन कम्पनी से जुड़े किसानों को इससे निजात मिलेगी। इसके बाद कम्पनी सॉस व सीपर बनाने का काम भी करेगी। साथ ही अनाज से होने वाले प्रोडक्शन भी खुद के करेगी। जिससे कम्पनी की आय बढ़ेगी और इसका फायदा सीधे किसानों को ही मिलेगा।


इस तरह बनेगी कम्पनियां
फिलहाल सीकर के दस कम्पनियां बनेगी। जिसमें प्रत्येक कम्पनी में एक हजार किसान होंगे। किसानों को कम्पनी में अपनी हिस्सेदारी के लिए एक हजार रुपयों का अंशदान देना होगा। इसके बाद किसानों की संख्या एक हजार होने के बाद नाबार्ड बीस लाख रुपये खर्च करेगी। जिससे तीन साल तक कम्पनी को संचालित किया जायेगा। बाद में कम्पनी स्थापित होने के पर किसान अपने स्तर पर कम्पनी का संचालन करेंगे। इसके लिए किसानों का पांच सदस्ययी एक बोर्ड भी होगा जो कम्पनी के हित में फैसले लेगा।


इनका कहना है
सीकर के नाबार्ड की ओर से दस कम्पनियां बनेगी। कम्पनियों में एक एक हजार किसानों को जोड़ा जायेगा। इसको लेकर काम शुरू कर दिया गया है। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। – जेपी चंदेल, डीडीएम, नाबार्ड सीकर

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