जानकारी के अनुसार सालासर बालाजी मंदिर परिसर में रसोई बनी हुई है, जहां भोजन व प्रसाद तैयार किया जाता है। बुधवार दोपहर को अचानक रसोई में रखे गैस सिलेण्डर ने आग पकड़ ली। दोपहर के समय मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ थी। उसी दौरन अचानक धुंवा निकलता हुआ दिखाई दिया।
इसके बाद देखा गया तो रसोई घर में रखे सिलेण्डर में आग लगी हुई थी। जिससे एकबार अफरा-तफरी मच गई। लेकिन मेले की सुरक्षा को लेकर मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पा लिया। सालासार थानाधिकारी कश्यपसिंह के अनुसार रसोई घर में कई और भी सिलेण्डर रखे थे। मौके पर तैनात पुलियकर्मियों द्वारा आग पर तुरंत काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा नुकसान होने की संभावना थी।
15 दिन में सात लाख भक्तों ने लगाई धोक
सालासर. सालासर बालाजी के लक्खी मेले के चौथे दिन शरद पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। पुलिस थाने के सामने से लगी छह किलोमीटर की रेलिंग में लगकर भक्तों ने बाबा के दर्शन मनौतियां मांगी। पूर्णिमा के दिन दूर दूर से आने वाले पदयात्रियों का सिलसिला जारी रहा।
डीजे की धुन पर नाचते गाते श्रद्धालु भक्ति भाव में विभोर थे। नवरात्र से लेकर पूर्णिमा तक सात लाख भक्तों ने बालाजी के दर्शन किए। हनुमान सेवा समिति के अध्यक्ष यशोदानंदन पुजारी ने बताया कि पूर्णिमा के दिन बालाजी मंदिर के पट रात साढ़े 12 बजे ही खोल दिए गए।
पैदल यात्रियों के जत्थे नगाड़ों की धुन पर नाचते गाते बाबा के जयकारों के साथ लाल गुलाल उड़ाते हुए पहुंचे। देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं ने बालाजी के दर्शन करने के बाद अंजनी माता के दर्शन किए। सालासर धाम से जुडऩे वाले सभी रास्ते पिछले चार दिनों से बाबा के भक्तों से अटे रहे। अनेक राज्यों से आए प्रवासियों ने जगह जगह भण्डारे लगाकर भक्तों की सेवा की।
जिसमें भोजन, चाय, नास्ता व मेडिकल सुविधाएं दी गई। मेले में अलग अलग प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने बाजार में जमकर खरीदारी की। रास्तों में जगह-जगह लगी दुकानों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही। श्रद्धालु प्रसाद, लाल ध्वजा खिलौने खरीदते हुए दिखाई दिए।
सेल्फी की होड़
दूर-दूर से चलकर बालाजी के मेले में आए श्रद्धालुओं में सेल्फी लेने की होड़ मची रही। भण्डारों एव आम रास्तों पर जगह जगह की गई सजावट में बाबा के युवा भक्त सेल्फी लेते रहे। समिति के उपाध्यक्ष मनोज पुजारी ने बताया कि पहले नवरात्र से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो पूर्णिमा के दिन शाम तक जारी रहा।
शरद पूर्णिमा के दिन 80 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पिछले 15 दिनों में 7 लाख श्रद्धालु बाबा के धोक लगाने पहुंचे।
बालाजी महाराज के परम भक्त संत शिरोमणि बाबा मोहनदास की समाधि एवं धूणे पर आए श्रद्धालुओं ने शीश नवाया एवं अपने साथ लाए छोटे बच्चों के जड़ूले उतारकर मनौती का नारियल बांधते हुए सुख समृद्धि की कामना की।
विकलांग में भी बालाजी की आस्था
देश दुनिया में ख्यात प्राप्त सिद्धपीठ सालासर धाम के लक्खी मेले के दौरान बालाजी के दर्शनों को लेकर विकलांग श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। राजगढ़ से आई विकलांग महिला श्रद्धालु हीरा देवी ने बताया कि उकी बालाजी में अटूट आस्था है।
शरद पूर्णिमा के लक्खी मेले के बारे में मंदिर के मांगीलाल पुजारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भीड़ में दर्शन करने के लिए नहीं आते है। हरियाणा पंजाब में फसल का काम चल रहा है। इसलिए कम श्रद्धालु सालासर पहुंचे। शरद पूर्णिमा समुन्द्र मंथन के बाद रात को अमतृ वर्षा होती है।