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कहीं कैंसर ना दे दे गोलगप्पे, पानी में मिल रहा है घातक कैमिकल

locationसीकरPublished: Aug 12, 2018 01:35:22 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

सीकर. सेहत को सुधारने को लिए भले ही गुजरात के बडौदरा में गोल गप्पे ‘पुचकों’ की बिक्री पर बैन लगा दिया हो लेकिन सीकर जिले में गोलगप्पों की बिक्री को लेकर जिम्मेदार संजीदा नहीं है।

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कहीं कैंसर ना दे दे गोलगप्पे, पानी में मिल रहा है घातक कैमिकल


सीकर. सेहत को सुधारने को लिए भले ही गुजरात के बडौदरा में गोल गप्पे ‘पुचकों’ की बिक्री पर बैन लगा दिया हो लेकिन सीकर जिले में गोलगप्पों की बिक्री को लेकर जिम्मेदार संजीदा नहीं है। अनदेखी का नतीजा है कि शहर के गली मोहल्लों के नुक्कड पर सजे गोलगप्पे के ठेले बीमारियों को फैला रहे हैं। खास बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने गोलगप्पों के इन ठेलों से आज तक कोई नमूना लेकर जांच करवाने की जेहमत तक नहीं उठाई है। एेसे में कई गोलगप्पे वाले तो केमिकल मिलाकर गोलगप्पों का पानी तैयार कर रहे हैं।

पानी को हरा करने के लिए मिला रहे केमिकल
गोलगप्पों के पानी को हरा और चटखारेदार बनाने के लिए कई लोग पुदीना मिलाने की बजाए केमिकल का प्रयोग हो रहा है। गोलगप्पों की खपत को देखते हुए कई लोगों ने पुदीना और टार्टरी जैसे पदार्थों की बजाए सीधे एक पाऊच से पानी तैयार करना शुरू कर दिया है। जो कि बाजार में महज कुछ चुनिंदा दुकानों पर उपलब्ध है।

हो सकती है बीमारी
कई खाद्य पदार्थ और मिठाइयों में फूड ग्रेडेड कलर मिलाया जाता है यह कलर शरीर के लिए घातक नहीं होता है लेकिन पिछले दिनों इंस्टिट्यूट ऑफ होटेल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन, पुसा की ओर से दिल्ली में किए अध्ययन में सामने आया कि गोलगप्पों के लिए केमिकल से तैयार पानी में इकोलाई बेक्टिरिया पनप जाता है। इसके अलावा बारिश के सीजन में नमी और उमस बढऩे के कारण आलूू, चना से तैयार मिश्रण में महज कुछ घंटों में बेसिलियस सीरस, क्लॉस्ट्रीडियम पेरीफ्रिन्जेन्स, स्टेफीलोकॉकर ऑरस और सल्मॉनेला प्रजाति के कीटाणु व जीवाणु पनप जाते हैं। इस तरह से तैयार गोलगप्पे लगातार खाने से फूड प्वाइजनिंग, पीलिया और टाइफाइड समेत अन्य बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।

दुकानदार को सता रही चिंता
सीकर शहर में गोलगप्पे और उनका तैयार मिश्रण रखने वाले पांच थोक दुकानदार है। गुजरात में बैन लगने के बाद इन दुकानदारों में भय का माहौल हो गया है। इसके अलावा कई दुकानदारों ने तो रोजाना आने वाले स्टॉक की मात्रा भी कम कर दी है।

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