हो सकती है बीमारी
कई खाद्य पदार्थ और मिठाइयों में फूड ग्रेडेड कलर मिलाया जाता है यह कलर शरीर के लिए घातक नहीं होता है लेकिन पिछले दिनों इंस्टिट्यूट ऑफ होटेल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन, पुसा की ओर से दिल्ली में किए अध्ययन में सामने आया कि गोलगप्पों के लिए केमिकल से तैयार पानी में इकोलाई बेक्टिरिया पनप जाता है। इसके अलावा बारिश के सीजन में नमी और उमस बढऩे के कारण आलूू, चना से तैयार मिश्रण में महज कुछ घंटों में बेसिलियस सीरस, क्लॉस्ट्रीडियम पेरीफ्रिन्जेन्स, स्टेफीलोकॉकर ऑरस और सल्मॉनेला प्रजाति के कीटाणु व जीवाणु पनप जाते हैं। इस तरह से तैयार गोलगप्पे लगातार खाने से फूड प्वाइजनिंग, पीलिया और टाइफाइड समेत अन्य बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
दुकानदार को सता रही चिंता
सीकर शहर में गोलगप्पे और उनका तैयार मिश्रण रखने वाले पांच थोक दुकानदार है। गुजरात में बैन लगने के बाद इन दुकानदारों में भय का माहौल हो गया है। इसके अलावा कई दुकानदारों ने तो रोजाना आने वाले स्टॉक की मात्रा भी कम कर दी है।