ऐसे एकत्रित होगा डाटा
प्रदेश में परिवहन विभाग के 12 आरटीओ और 52 डीटीओ कार्यालय एक-दूसरे से जुड़ चुके हैं। इन ऑफिसों में बनने वाले वाहन लाइसेंस व आरसी का डाटा सर्वर के माध्यम से एक जगह एकत्रित होगा। सेंट्रलाइज्ड डाटा को कंपनी के माध्यम से लगाए जाने वाले सेटअप पर दर्ज किया जाएगा। इसके बाद कंपनी डाक से भेजेगी।
फायदा के साथ नुकसान भी
नया लाइसेंस बनवाने या वाहन के पंजीयन के दौरान आवेदक या दलाल फर्जी किराएनाम के आधार पर पता तो लिख दिया जाता था लेकिन कई बार जांच करने पर पता चलता है कि इस पते पर दूसरा व्यक्ति रहा है। ऐसे में जांच प्रभावित होती है। इसके अलावा पुरानी व्यवस्था के तहत आरसी और लाइसेंस बनने के बाद दलाल अपने पास ही लाइसेंस रख लेते है। जिसे संबंधित से पूरे पैसे वसूलने के बाद ही लौटाते हैं। अधिकारियों की माने तो आवेदन के समय लिखे पते में मामूली सी गलती होगी तो लाइसेंस या आरसी वापस कंपनी के पास चली जाएगी। जिससे इन्हें वापस लेने में लोगों को कंपनी के अधिकारियों के पास चक्कर लगाने होंगे। साथ ही डाक में होने वाली देरी के कारण ग्रामीण खासे परेशान होंगे।
परिवहन विभाग के कार्यालय एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आरसी और लाइसेंस को डाक से भेजने की प्रक्रिया पहले चरण में जयपुर में शुरू होगी। दूसरे चरण में सीकर जिला शामिल है। इसके लिए मुख्यालय से कवायद हो रही है। -ज्ञानदेव विश्वकर्मा, आरटीओ सीकर