
सीकर.
नेहरू गार्डन के सामने 16 करोड़ की लागत से बने जनाना अस्पताल का शनिवार को उद्घाटन होगा। महिला रोगियों को राहत पहुंचाने के लिए बना अस्पताल अभी भी खामियों से भरा है। जनाना अस्पताल का श्रेय लेने के लिए हो रही राजनीति के कारण अस्पताल प्रबंधन भी उद्घाटन समारोह में विशेष रूचि नहीं ले रहा है। पत्रिका टीम ने शुक्रवार को जनाना अस्पताल का जायजा लिया तो भवन निर्माण से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी बीमार नजर आईं।
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इसलिए नहीं ठहरते चिकित्सक व स्टॉफ
हमारे राज्य में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की कमी का यह बड़ा उदाहरण है और स्वास्थ्य सेवा की चिंताजनक स्थिति भी। एसके अस्पताल से जनाना अस्पताल 3.6 किमी दूर बनाया गया है। नए भवन में स्टॉफ के रुकने की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में किसी डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ को जनाना अस्पताल भेजना हो तो कम से कम आधा घंटे का वक्त लग जाएगा। यह समस्या एमरजेंसी में बड़ी परेशानी हो सकती है। जनाना अस्पताल में स्टॉफ के लिए आवास व्यवस्था नहीं होने से रात में चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ नहीं ठहरता है। जबकि दूसरे जिलों में जनाना अस्पताल, वर्तमान अस्पताल की बिल्डिंग में ही बने हैं।
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फाल्स सीलिंग उखड़ी, लिफ्ट भी बंद
16 करोड़ों की लागत से बने भवन में टाइल्स उद्घाटन से पहले ही उखडऩे लगी है। नमी के कारण पहली मंजिल पर फाल्स सीलिंग उखड़ रही है। मरीजों के परिजनों को बरामदे में या फर्श पर सोना पड़ रहा है। मरीजों के लिए बनी लिफ्ट बंद है। प्रबंधन के अनुसार जनाना अस्पताल के उद्घाटन के समय नए भवन की जो लागत निर्धारित की गई थी महंगाई बढऩे के बाद भी उस लागत में बढ़ोतरी नहीं की गई थी। इस कारण भवन की गुणवत्ता में कमी आई है।
Published on:
05 Aug 2017 11:30 am
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