
सीकर। सब्जियों के आसमान छूते भावों के बीच रोजमर्रा की जरूरत रिफाइंड तेल के भावों में आई तेजी से आम आदमी की रसोई को ही बेस्वाद करना शुरू कर दिया है। महज पंद्रह दिन पहले खुदरा बाजार में पहले जो रिफाइंड तेल 105 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था।
उसके दाम बढ़कर 125-135 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। कमोबेश यही हाल सरसों के तेल के हैं। सरसों तेल भी काफी महंगा हो गया है। व्यापारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने खाद्य तेल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ गई हैं। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
तेल के बाद अब आटा भी महंगा हो गया है। आटे की कीमतों पर तीन से पांच रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। ब्रांडेड कपनी का पांच किलो का जो बैग 150 रुपए में मिलता था, अब वह 170-175 रुपए का हो गया है। दीपावली के त्योहारी सीजन से पहले खाद्य तेल, किराना, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।
इससे आमजन का बजट गड़बड़ा गया है। वहीं सूखे मेवे भी बढ़ती कीमतों के चलते आमजन की पहुंच से दूर होने लगे हैं। काजू की कीमत 700 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 1000 रुपए, बादाम की कीमत 550 रुपए से 650-700 रुपए, फूल मखाने 700 रुपए से 1200 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
छह माह में महंगाई तेजी से बढ़ी है। इससे किराना सामग्री वाली वस्तुओं सहित घरेलू जरूरत के सामान के भाव में बरसों बाद पहली बार 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। जिसका सीधा असर त्योहारी सीजन में प्रत्येक आय वर्ग के लोगों पर पड़ेगा। किराना व्यापारी का कहना है कि किराना वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों से ग्राहकी पर सीधा असर पड़ रहा है। त्योहारी सीजन होने के बावजूद लोग खाद्य सामग्री कम मात्रा में ही खरीद रहे हैं। वहीं किराने से जुड़े घी, आटा, साबुत मसाले सहित अन्य सामानों में भी तेजी आई हैं। रही सही कसर पूजा-पाठ सामग्री सहित नारियल के भाव में भी तेजी आने से हो गई है।
दिन-प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई ने आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। पहले सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे अब रिफाइंड और सरसों के तेल के दाम बढ़ने से आम आदमी के घर का बजट बिगड़ गया है। -झाबरमल पिलानिया, खुदरा विक्रेता, सीकर
Updated on:
06 Oct 2024 03:35 pm
Published on:
06 Oct 2024 03:32 pm
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