दो साल से मोबाइल ही नहीं देखा
कक्षा दसवीं पास की उसी समय तय कर लिया कि मुझे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना है। गर्मियों की छुट्टियों में मोबाइल पर गेम्स खेलने का शौक भी लग गया। लेकिन परिजन व शिक्षकों ने समझाया कि मोबाइल तो जीवनभर यही रहेगा, लेकिन पढ़ाई के लिए मौका नहीं मिलेगा। कौटिल्य एकेडमी के बारे में बताते है जब भी हताश होता तो निदेशक व प्रबंधक हमेशा हौसला बढ़ाते। इसी वजह से आज यह सफलता हासिल की है।
क्रिकेट के बजाय पढ़ाई में रेकार्ड बनाया
पोलोग्राउण्ड निवासी यश शर्मा को बचपन से क्रिकेट खेलने का काफी शौक था। लेकिन सफलता के जुनुन के लिए क्रिकेट को अलविदा कह दिया। कक्षा दसवीं में 95 फीसदी अंक हासिल करने वाले यश ने बताया कि वह आठ से दस घंटे पढ़ाई करता है। वह बताते है कि परीक्षा वाले दादी को स्वाइन फ्लू हो गया। इससे मन को काफी बैचनी हुई। लेकिन मौसी अनिता शर्मा ने काफी हिम्मत दिलाई। सफलता में संस्था निदेशक शंकर बगडिय़ा व प्रबंधक सुशील शर्मा के अलावा शिक्षकों का अहम रोल रहा है। यश के पिता मुरारीलाल शर्मा फिलहाल नागौर में उपखंड अधिकारी के पद पर कार्यरत है।
पीसीपी होनहारों की फिर धाक
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से पहली बार आयोजित जेईई (मेन) परीक्षा परिणाम में आईआईटी जेईई एवं नीट कोचिंग संस्था पीसीपी के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन कर इतिहास दोहराया है। पीसीपी के रेगुलर क्लासरूम विद्यार्थी श्रीकांत शर्मा ने 99.60, सौरभ तिवाड़ी ने 99.58, रणजीत खीचड़ ने 99.40, मोहित शर्मा ने 99.04, नंदराम प्रजापत ने 99.01 एवं कर्णवीर ने 99 परसेन्टाइल हासिल किए हैं। सैंकड़ों विद्यार्थियों ने 97 परसेन्टाइल से अधिक अंक हासिल किये हैं। परिणाम की खुशी में शनिवार को जश्न मनाया गया।