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Rajasthan: सीकर का मास्टर प्लान उलझा, शहर के आसपास पनपने लगी अवैध कॉलोनी; सामने आई ये समस्या

Sikar Master Plan: सीकर जिले में पिछले दो साल से मास्टर प्लान को लेकर जारी घमासान के बीच अवैध कॉलोनियों का जाल फिर से बढ़ने लगा है।

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सीकर

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Nirmal Pareek

Sep 15, 2025

Master plan stuck in Sikar

पत्रिका फाइल फोटो

Sikar Master Plan: सीकर जिले में पिछले दो साल से मास्टर प्लान को लेकर जारी घमासान के बीच अवैध कॉलोनियों का जाल फिर से बढ़ने लगा है। मास्टर प्लान को लेकर सरकार के लगातार बदलते स्टैण्ड का कुछ कॉलोनाइजर्स की ओर से लगातार फायदा उठाया जा रहा है। कई कॉलोनाइजर्स की ओर से नए मास्टर प्लान के बाद पट्टे जारी होने का वादा भी किया जा रहा है।

यदि प्रशासन की ओर अभी सख्ताई नहीं बरती तो मास्टर प्लान 2047 की राह में यह अवैध कॉलोनी नई चुनौती बन सकती है। सूत्रों का दावा है कि बाईपास इलाके से लेकर हर्ष रोड इलाके में 30 से अधिक अवैध कॉलोनी पनप गई है। यदि इन कॉलोनियों को बाद में अनुमोदन नहीं होता है तो इन कॉलोनियों में भूखण्ड लेने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है। पिछले एक सप्ताह में पांच अवैध कॉलोनियों की शिकायत जिला कलक्टर कार्यालय तक भी पहुंची है।

इसलिए मिल रही अवैध कॉलोनियों को शह

1. सरकारी जमीन में ही सुविधा क्षेत्र: मास्टर प्लान 2041 के स्थान के पर अब मास्टर प्लान 2047 जारी करने का विभाग की ओर से दावा किया गया है। विभाग की ओर से यह भी कहा गया कि यूआइटी क्षेत्र में नए गांव-ढाणियों को भी शामिल किया जाएगा। वहीं सरकारी जमीन में ही सुविधा क्षेत्र देने की बात कही है। विभाग के इस बयान के बाद अवैध कॉलोनियों को ज्यादा रफ्तार मिल गई है।

2. मास्टर प्लान को लेकर सियासी विवाद: शिक्षानगरी के नए मास्टर प्लान को लेकर दो साल से सियासी विवाद जारी है। ऐसे में ज्यादातर रियल एस्टेट कंपनियों की ओर से नए मास्टर प्लान के बाद ही कॉलोनियों का अनुमोदन कराने की तैयारी कर रखी है। इस कारण कई लोगों को नहीं चाहते हुए भी अवैध कॉलोनियों में भूखण्ड लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

    इधर, ठिठके जमीनों के भाव

    शहर में नई कॉलोनियों की बात जरूर सामने आई है, लेकिन जमीनों के भावों में अब भी स्थिरता बनी हुई है। यहां जमीनों के जो भाव आठ महीने पहले थे, कमोबेश अब भी वही चल रहे हैं। इसकी पहली वजह सीकर से संभाग का दर्जा छिनना रहा, जिसके चलते सीकर में जमीनी कारोबारों में निवेश अचानक कम हो गया।

    इसके बाद जब मास्टर प्लान से जमीनों के भाव में तेजी आने की संभावना बनी तो उस पर उठे विवाद और संघर्ष के बाद सरकार के संशोधन प्रस्ताव ने फिर जमीनों की दर को ठिठका दिया। इससे नई कॉलोनी विकसित करने वाले कारोबारियों को भी उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं मिल पा रहा।

    पुरानी कॉलोनियों का पेंच सुलझा नहीं

    मास्टर प्लान 2041 के सर्वे के दौरान नगर परिषद व यूआइटी क्षेत्र में अवैध कॉलोनी सामने आई थी। इन कॉलोनियों के लोगों की ओर से भी मास्टर प्लान के प्रारूप प्रकाशन के दौरान प्रदर्शन किए। इन कॉलोनियों के पेंच अभी तक सुलझे नहीं कि नई अवैध कॉलोनी और पनपने लग गई।

    अधिकारी भी संशय में कैसे कराए पालना

    शिक्षानगरी में लगातार बसती अवैध कॉलोनियों के मामले में अधिकारी भी संशय में है। कई कॉलोनियों के भूखंड मालिकों ने जहां 2031 के मास्टर प्लान के हिसाब से अनुमति मांगी है तो कई नई कॉलोनी बसाने वालों ने 2041 के प्रारूप के आधार पर आवेदन की तैयारी कर ली है।