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खाटूश्यामजी। श्री श्याम मंदिर में उस समय हड़कंप मच गया, जब यह खबर फैली कि दो आतंकवादियों ने मंदिर में एक कर्मचारी को बंधक बना लिया है। इसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार तत्काल बंद कर दिए गए। हालांकि कुछ ही देर बाद पता चला कि यह घटना ईआरटी (इमरजेंसी रिस्पांस टीम) की मॉकड्रिल थी। 3 सितंबर 2024 को भी एटीएस की ईआरटी टीम के जवानों ने मॉकड्रिल किया था।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह करीब 10.55 बजे ईआरटी की टीम खाटूश्यामजी थाने से रवाना हुई और पांच मिनट में मंदिर परिसर पहुंच गई। यहां दो जवान आतंकवादी बनकर मंदिर में घुसे और मंदिर कमेटी के कर्मचारी विकास शर्मा को बंधक बना लिया। इसके बाद कमांडो दिनेश कुमार के नेतृत्व में ऑपरेशन शुरू हुआ।
चारों दिशाओं से कमांडो जवानों ने मोर्चा संभाला। जवानों ने आतंकवादियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस मॉकड्रिल में थानाप्रभारी पवन चौबे, मंदिर कमेटी के व्यवस्थापक संतोष शर्मा, समिति सदस्य मनीष शर्मा, राजेंद्र शर्मा, नवल शर्मा समेत करीब 30 जवानों ने अहम भूमिका निभाई।
मॉकड्रिल तो सफल रही, लेकिन इसने मंदिर परिसर के बाहर की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए। मंदिर प्रशासन ने 350 निजी सुरक्षाकर्मी तैनात कर रखे हैं। साथ ही 225 सीसीटीवी कैमरे, जिनमें कई हाई-ज़ूम कैमरे भी हैंं। फिर भी मंदिर परिसर के बाहर की सुरक्षा नाममात्र ही है। प्रशासन के होमगार्ड भी कम संख्या में हैं और उनका वेतन भी मंदिर कमेटी को ही वहन करना पड़ता है।
यातायात व्यवस्था भी अव्यवस्थित बनी हुई है। 8 अगस्त 2022 को हुई भगदड़, जिसमें तीन महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद दर्शन व्यवस्था को सुधारने के लिए 14 नई लाइनों का निर्माण करवाया गया था, लेकिन इस मॉकड्रिल ने फिर से सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाओं की मजबूती पर और जोर दिया है।
मॉकड्रिल की सूचना श्रद्धालुओं और आम लोगों को पूर्व में नहीं दी गई थी, जिसके कारण दिनभर और देर रात तक अफवाहें फैलती रहीं। सोशल मीडिया पर खबर तेजी से वायरल हो गई और देशभर के श्याम भक्तों में चिंता का माहौल बना रहा।
Updated on:
23 Aug 2025 03:21 pm
Published on:
23 Aug 2025 03:20 pm
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