इसलिए अटका प्रोजेक्ट: आखिरी समय पर अटक गया शिलान्यास पिछली सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रदेश के दस जिलों के यूथ हॉस्टल प्रोजेक्टों का शिलान्यास करना था। लेकिन दूसरे कार्यक्रमों की वजह से यह कार्यक्रम निरस्त हो गया। इसके बाद आचार संहिता की वजह से प्रोजेक्ट को वित्तिय स्वीकृति भी नहीं मिली। प्रोजेक्ट को प्रशासनिक स्वीकृति पिछली सरकार के समय ही मिल गई थी।
देरी क्यों: मिनी सचिवालय के पास आवंटित हुई जमीन सीकर में विवेकानंद युवा छात्रावास के लिए तत्कालीन जिला कलक्टर अमित यादव की ओर से मिनी सचिवालय के पास जमीन आवंटित की गई। लेकिन निर्माण के लिए अभी तक बजट नहीं मिला है। इस कारण प्रोजेक्ट का काम शुरू नहीं हो सका। जिला प्रशासन की ओर से जिला स्तरीय क्रीड़ा समिति के सचिव के पत्र पर जमीन आवंटित की गई थी।
फायदा: ऐसे मिल सकता है युवाओं को फायदा यूथ हॉस्टल खुलने पर यहां के युवाओं को सीधे तौर पर फायदा मिल सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार युवाओं को यूथ हाॅस्टल में काफी कम दरों पर रहने की सुविधा मिल सकती है। वहीं खेल, सांस्कृतिक व प्रतियोगी प्रतियोगी में शामिल होने वाले युवाओं को भी युवा हॉस्टल में रहने की सुविधा मिल सकती है।
टॉपिक एक्सपर्ट… शिक्षानगरी के युवाओं को लंबे समय से यूथ हॉस्टल का इंतजार है। पिछली सरकार के समय सीकर के युवाओं ने युवा बोर्ड अध्यक्ष सीताराम लाम्बा के सामने यह मांग रखी थी। इस पर सरकार ने सीकर सहित दस जिलों में यूथ हॉस्टल के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सीकर में भी यूथ छात्रावास के लिए जमीन का आवंटन हो चुका है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।
सुदेश पूनियां, यूथ अवार्डी, सीकर कांग्रेस सरकार ने यहां के युवाओं की पीड़ा को समझते हुए यूथ हॉस्टल की सौगात दी थी। पिछली सरकार के समय जमीन आवंटन भी हो गया था। अब सरकार को युवाओं की भावनाओं को समझते हुए यूथ हॉस्टल के निर्माण के लिए बजट देना चाहिए। यदि सरकार ने अब भी युवाओं की भावनाओं को नहीं समझा तो मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
संदीप कलवानियां, प्रवक्ता, कांग्रेस