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आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना: विभाग का अलर्ट, नहीं आएं दलालों के झांसे में, जानें आवेदन का आसान तरीका, मिलता है 10 लाख रुपए का मुआवजा

आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना में अब क्लेम के लिए पीड़ितों को दलालों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। जानिए कैसे करें आसानी से आवेदन-

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सीकर

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Santosh Trivedi

Sep 16, 2025

वेतन (photo-patrika)

वेतन (photo-patrika)

सीकर। आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना में अब क्लेम के लिए पीड़ितों को दलालों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए सरकार ने अब एसआईपीएफ विभाग के जिला कार्यालयों में अब सहायता केन्द्र के रुप में जोड़ा है। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की कार्यवाहक संयुक्त निदेशक योगबाला सुण्डा ने बताया कि विभाग के संज्ञान में आया है कि कई लोगों को योजना की पर्याप्त जानकारी नहीं होने की वजह से कई परिवारों की ओर से सीधे दावा प्रस्तुत करने के बजाय अन्य मध्यस्थ व्यक्तियों के माध्यम से प्रस्तुत कराया जाता है।

इसकी एवज में मध्यस्थों से कई बार पीड़ित परिवार से खाली चैक, राशि लेने की शिकायत मिलती है। इस तरह की शिकायतों की अलग से जांच भी कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार बिना किसी मध्यस्थ के स्वयं के स्तर पर आसानी से मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना में दावा प्रस्तुत कर सकता है। किसी प्रकार की जानकारी के लिए राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग कार्यालय में सम्पर्क कर जानकारी ले सकते है। इसके लिए विभाग ने 8302221216 व 18001806268 के जरिए जानकारी ले सकते है।

ये है आवेदन का आसान तरीका

राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की कार्यवाहक संयुक्त निदेशक ने बताया कि एमएडीबीवाई पोर्टल पर दावेदार स्वयं अथवा ई-मित्र के माध्यम से दावा ऑनलाइन कर सकते है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पेड श्रेणी की पॉलिसी के लाभार्थी यथा समय अपनी पॉलिसी का नवीनीकरण कराना होगा।

ऐसे करें आवेदन, आठ तरह के हादसे कवर होते है

मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना में 8 तरह के हादसे कवर होते है। इन हादसों में रेल,वायु, सड़क दुर्घटना, ऊंचाई से गिरने तथा ऊंचाई से किसी वस्तु के गिरने, मकान के ढहने के कारण, थ्रेशर मशीन, कुट्टी मशीन, आरा मशीन, ग्लाईन्डर आदि से, बिजली के झटके, डूबने, जलने एवं रासायनिक द्रव्यों के छिडकाव से होने वाली दुर्घटनाओं में मृत्यु, क्षति होने शामिल है। पॉलिसी धारक को अधिकतम दस लाख रुपए प्रति परिवार प्रति वर्ष आधार पर सहायता राशि दी जाती है।