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Education Policy : विशेष शिक्षा का बदलेगा खाका, नए डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं

Rajasthan News : नई शिक्षा नीति के तहत देश में अब विशेष योग्यजनों (मानसिक विमंदित, नेत्रहीन व मूकबधिरों) की विशेष शिक्षा का खाका बदलेगा। भारतीय पुनर्वास परिषद ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

सीकरFeb 05, 2024 / 02:58 pm

Kirti Verma

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Rajasthan News : नई शिक्षा नीति के तहत देश में अब विशेष योग्यजनों (मानसिक विमंदित, नेत्रहीन व मूकबधिरों) की विशेष शिक्षा का खाका बदलेगा। भारतीय पुनर्वास परिषद ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

अब विशेष शिक्षा में नए डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं दी जाएगी। पहले से संचालित डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित रहेंगे। इनकी भी मान्यता अवधि समाप्त होने पर दुबारा सम्बद्धता नहीं दी जाएगी। अब तक विशेष शिक्षा में बीएड पाठ्यक्रम की अवधि दो साल है, इसे नए सत्र से चार साल करने का प्रस्ताव है। परिषद ने भविष्य में नए कॉलेजों को चार साल के पाठ्यक्रम के हिसाब से ही मान्यता देने की बात कही है। पिछले दिनों हुई परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों पर मुहर लगी है।

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देशभर में दिव्यांग विद्यार्थियों के मुकाबले शिक्षकों की कमी है। नई शिक्षा नीति में सामान्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने की तैयारी है। इसकी शुरुआत राजस्थान इस साल से करेगा। प्रदेश में इस साल दस हजार सामान्य शिक्षकों को दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनको विशेष शिक्षक प्रशिक्षण देंगे।
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राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश व गुजरात सहित अन्य राज्यों में विशेष शिक्षकों की लगातार भर्ती होने की वजह से यहां डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का सबसे ज्यादा क्रेज रहा, इसलिए इन राज्यों में सबसे ज्यादा डिप्लोमा पाठ्यक्रम के कॉलेज खुले। पिछले साल इन राज्यों में लगातार एनओसी जारी करने की वजह से परिषद ने भविष्य में एनओसी नहीं जारी करने की हिदायत भी दी थी।

एक्सपर्ट व्यू
नई शिक्षा नीति के तहत सभी पाठ्यक्रमों के मॉड्यूल में बदलाव आएगा। इसी के तहत आरसीआइ ने भविष्य में नए डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं देने का फैसला किया है। वहीं, बीएड अब चार साल की होगी। जो युवा विशेष शिक्षा के कॅरियर बनाना चाहेंगे उनको फैसला कक्षा दसवीं के बाद ही लेना पड़ेगा। सुदीप गोयल, सामाजिक कार्यकर्ता, सीकर

https://youtu.be/nhcqEi0R2ZU

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