7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान चुनाव: राजस्थान का ऐसा विधानसभा क्षेत्र जो है उम्मीदवारों की खान, जानिए अब तक कितनों ने लड़ा चुनाव

Rajasthan Assembly Election 2023 : पश्चिमी राजनीतिक विचारक अरस्तु ने शिक्षा व क्रांति को राजनीतिक विकास का अहम आधार बताया था। जिले का कूदन गांव इसी विचार को साकार कर रहा है।

3 min read
Google source verification

सीकर

image

Nupur Sharma

Nov 03, 2023

election_news.jpg

Rajasthan Assembly Election 2023 : पश्चिमी राजनीतिक विचारक अरस्तु ने शिक्षा व क्रांति को राजनीतिक विकास का अहम आधार बताया था। जिले का कूदन गांव इसी विचार को साकार कर रहा है। जहां 1935 के सबसे बड़े किसान आंदोलन व शिक्षा की अलख ने गांव को राजनीतिक आकाश पर पहुंचा दिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1952 से अब तक के 15 विधानसभा चुनाव में से 14 चुनाव में गांव के एक या दो प्रत्याशी जरूर मैदान में उतरे हैं। इस छोटे से गांव के अब तक 23 उम्मीदवारी में से 11 चुनावी जंग भी जीतकर विधानसभा की दहलीज पर पहुंच चुके हैं। उम्मीदवारी के इस अनूठे रिकॉर्ड को इस बार भी गांव के महरिया बंधु कायम रख रहे हैं। वे जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनावी समर में भाग्य आजमा रहे हैं।

यह भी पढ़ें : राजस्थान विधानसभा चुनाव: आखिर भाजपा ने डांगी पर जताया भरोसा, फिर होगा त्रिकोणीय मुकाबला

6 प्रत्याशी दिए,11 बार बने विधायक: कूदन गांव विधानसभा में अब तक छह प्रत्याशी दे चुका है। उन्होंने 23 बार भाग्य आजमाकर 11 चुनावों में जीत दर्ज की है। सबसे ज्यादा 12 चुनाव लड़कऱ रामदेवसिंह महरिया सात बार विधानसभा में पहुंचे और मंत्री भी बने। रामचंद्रसिंह सुंडा तीन में से दो बार और झाबर सिंह तथा नंदकिशोर महरिया तीन-तीन में से एक- एक चुनाव जीत चुके हैं। एक- एक विधानसभा चुनाव लड़ऩे वाले गणेशराम व सुभाष महरिया ही विधानसभा की दहलीज से दूर रहे हैं। हालांकि सुभाष महरिया तीन बार लोकसभा चुनाव जीते व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।

तीन दशक तक सुंडा व महरिया से पहचान: गांव के राजनेताओं की स्थानीय से लेकर राज्य की राजनीति में पहचा रही है। राजनीति में कूदन के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1960 से 80 के दशक तक ग्रामीण राजनीतिक दलों की पहचान रामदेवसिंह महरिया, रामचंद्र सुंडा व झाबरसिंह के नाम से करते थे। गांव में लोग सुंडा व महरिया पार्टी के नाम से इनके दलों को पुकारते थे।

इस बार दो प्रत्याशी: इस बार हो रहे 15 वीं विधानसभा के चुनाव में भी कूदन गांव निवासी सगे भाई सुभाष महरिया व नंदकिशोर महरिया ने चुनावी ताल ठोक दी है। सुभाष को भाजपा ने लक्ष्मणगढ़ से उम्मीदवार बनाया है। छोटे भाई नंदकिशोर महरिया ने चौटाला की जनता जननायक पार्टी (जेजेपी) से मैदान में ताल ठोकी है।

शिक्षा व किसान आंदोलन की धरती: कूदन की राजनीतिक चेतना में किसान आंदोलन व शिक्षा की अहम भूमिका रही है। शिक्षाविद् दयाराम महरिया ने बताया कि ब्रिटिश संसद तक चर्चा का विषय रहा 1935 का किसान आंदोलन कूदन की धरती पर ही हुआ था। इसमें गांव के 57 स्वतंत्रता सेनानी जेल भी गए। शिक्षा में अग्रणी रहने पर सरकार ने 1959 में ही गांव में हायर सैकंडरी स्कूल खोल़ी थी। इसकी बदौलत गांव के कई लोग उच्च पदों तक पहुंचे। मौसर जैसी प्रथाएं सात दशक पहले छोड़ी जा चुकी है। ऐसे में गांव सामाजिक, शैक्षिक व राजनीति का गढ़ कहा जाता है। रियासती भारत के जाट जनसेवक पुस्तक में ठाकुर देशराज ने 1949 में लिखा था कि कूदन सीकर जाटों का पेरिस है।

यह भी पढ़ें : राजस्थान चुनाव: खंडेला में कांग्रेस की टिकट के दावेदार मील बने भाजपा के उम्मीदवार, सीकर से फिर जलधारी पर दाव

अब तक ये लड़े चुनाव













































































































































































चुनावी वर्षप्रत्याशी नामपार्टीविधानसभा क्षेत्रपरिणाम
1952रामदेव सिंहकांग्रेससीकरहार
1957रामदेव सिंहकांग्रेससिंगरावटजीत
1957गणेश रामसीपीआईसीकरहार
1962रामदेव सिंहकांग्रेसकांग्रेस सिंगरावटजीत
1962रामचंद्र सिंहकांग्रेसश्रीमाधोपुरजीत
1967रामदेव सिंहकांग्रेससीकरजीत
1967रामचंद्र सिंहनिर्दलीयखंडेलाजीत
1972झाबर सिंहआईएनसीफतेहपुरजीत
1972रामदेव सिंहकांग्रेससीकरहार
1977रामदेव सिंहकांग्रेसधोदजीत
1977झाबर सिंहकांग्रेसखंडेलाहार
1980रामदेव सिंहकांग्रेसधोदजीत
1980रामचंद्र सिंहनिर्दलीयसीकरहार
1985रामदेव सिंहकांग्रेसधोदजीत
1990रामदेव सिंहकांग्रेसधोदजीत
1993रामदेव सिंहकांग्रेसधोदहार
1998रामदेव सिंहकांग्रेसधोदहार
2003झाबर सिंहएनसीपीसीकरहार
2003रामदेव सिंहनिर्दलीयधोदहार
2003नंदकिशोर महरियाभाजपाफतेहपुरहार
2008नंदकिशेार महरियाभाजपाफतेहपुरहार
2013नंदकिशोर महरियानिर्दलीयफतेहपुरजीत
2013सुभाष महरियाभाजपालक्ष्मणगढ़हार