
गणेश्वर.जागरण अर्थात कीर्तन की रात का हमारे समाज में बड़ा महत्व है। रामायण महाभारत के लेख गाकर श्रोताओं को सत्संग के माध्यम से सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा दी जाती है। गांव के मास्टरजी रामवतार शर्मा राम के आदर्शों को सर्वोपरि मानते हुए विद्यालय में बच्चों को प्रेम और दया का पाठ पढ़ा रहे हैं तो रातों को जागरण व सत्संग के माध्यम के हार्माेनियम की धुन पर भजन गा रहे हैं। सत्संग सेवा समिति के सदस्य मूलचंद यादव ने बताया कि कीर्तन की रात में कोई भाग्यवान ही शामिल होकर राम नाम के गुणगान सुनने का सौभाग्य प्राप्त करता है।
लग गया था शौक
कक्षा सात में पढ़ते समय ही मास्टरजी को भजन गाने का शौक लग गया था। अपने गुरुजी जगदीश शास्त्री पिता रूप नारायण पुरोहित की प्ररेणा से आगे बढऩे का अवसर प्राप्त होता रहा। मास्टरजी ने बताया कि जागरण की वो राते भी याद है। वर्षों पहले मात्र 25-30 रुपए ही प्राप्त होते थे, लेकिन भेंट की राशि परोपकार के कार्यों में खर्च होते देख लोगों का जागरण के प्रति रुझान बढ़ा। गांव सहित दूर दराज क्षेत्र के लोगों ने जागरण के महत्व का समझते हुए बढ़ चढ़ कर भेंट देना शुरू किया।
अब तक तीर्थ धाम परिधि क्षेत्र में सभी मंदिरों में रंग रोगन, पानी की टंकी का निर्माण संतों की समाधी, सरकारी विद्यालयों में शौचालय, साधु सेवा, गरीब परिवार की बेटियों की शादी में सहयोग, गांव में भागवत कथा का आयोजन, तीर्थधाम जाने वाले रास्ते का निर्माण करवा कर 14 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं। वर्तमान में गरीब 2 लाख रुपए खर्च कर संत मनगर गिरी समाधि स्थल के आगे सत्संग हॉल का निमार्ण शुरू करना बताया। 40 वर्ष में ढाई हजार किए रात्रि जागरण अब हर कोई इनके धार्मिक कार्यों की प्रशंसा करता रहता है। भविष्य में तीर्थधाम क्षेत्र में 51 कुुंडीय यज्ञ का आयोजन करने का मानस बना रहे हैं।
Published on:
08 Jan 2018 04:08 pm
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