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RTE लॉटरी में चयन के बाद आया बड़ा अपडेट, सलेक्शन के बाद भी सिर्फ इतने ही स्टूडेंट्स को मिला एडमिशन

RTE News : आरटीई के तहत लॉटरी में चयन के बाद भी 3 हजार 617 विद्यार्थी निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश से वंचित रह गए। तय समय पर चयनित स्कूल में रिपोर्टिंग नहीं करने पर ऐसा हुआ है।

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सीकर

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Kirti Verma

Jun 01, 2024

rte

RTE Update : आरटीई के तहत लॉटरी में चयन के बाद भी 3 हजार 617 विद्यार्थी निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश से वंचित रह गए। तय समय पर चयनित स्कूल में रिपोर्टिंग नहीं करने पर ऐसा हुआ है। वहीं, कई विद्यार्थी कैचमेंट क्षेत्र में निजी स्कूल नहीं होने से भी प्रवेश नहीं ले पाए। अब चूंकि रिपोर्टिंग की अंतिम तिथि 30 मई भी निकल चुकी है। ऐसे में इन विद्यार्थियों का प्रवेश का अवसर भी खत्म हो गया है।

20 विद्यार्थियों के दस्तावेज रद्द
शिक्षा विभाग के अनुसार जिलेभर में 20 ऐसे विद्यार्थी थे जो लॉटरी में चयन व रिपोर्टिंग के बाद भी प्रवेश से वंचित हो गए। इसकी वजह इन विद्यार्थियों के प्रवेश से संबंधित दस्तावेज सही नहीं होना रहा। जिन विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है, उनके सीबीईओ द्वारा दस्तावेजों की जांच अब भी जारी है।

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38076 में से 3,847 का ही प्रवेश
शिक्षा विभाग के अनुसार आरटीई के तहत जिले की निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए 38 हजार 76 विद्यार्थियों के आवेदन हुए थे। आनलाइन लॉटरी में 7 हजार 464 विद्यार्थियों का चयन हुआ। जिन्हें वरीयता क्रम के साथ पांच-पांच स्कूल रिपोर्टिंग के लिए दी गई। पर इनमें से 3 हजार 847 विद्यार्थी ही तय समय तक रिपोर्टिंग कर पाए। लिहाजा कुल आवेदकों में से दस्तावेज रदृद से प्रवेश की दौड़ से बाहर हुए 20 विद्यार्थियों सहित 34 हजार 249 विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाया।

25 फीसदी सीटों पर होता है निशुल्क प्रवेश
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। जिनकी फीस की बदले राज्य सरकार स्कूलों को पुनर्भरण राशि देती है। केंद्र सरकार के एक्ट के अनुसार निशुल्क प्रवेश कक्षा आठ तक होते हैं। पिछली गहलोत सरकार ने कक्षा 12 तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क कर दिया था।

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आरटीई के तहत जिले में लॉटरी से चयनित 7464 में से 3847 विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए रिपोर्टिंग की है। उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जा रहा है।
घीसाराम भूरिया, एडीईओ, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग, सीकर।