
सीकर. प्रदेश में संचालित निजी बसें, स्लीपर व लोक परिवहन बस संचालक रात्रि के समय सवारियों से ज्यादा पार्सल, लगेज व माल ढोने का काम कर रहे हैं। बस मालिक व कंडक्टर-ड्राइवर धड़ल्ले से पार्सल, माल व अन्य प्रकार का माल ढो रहे हैं। बस के उपर दो से तीन फीट तक माल लदान कर तेज गति से बस चलाते हैं, जिससे कि कभी भी कोई बड़ा हादसा या जनहानि हो सकती है। पुलिस विभाग, प्रादेशिक परिवहन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे से ये बसे माल लदान कर ले जा रही है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोडिंग व माल ढोने का काम भार वाहनों का है, ऐसे में परिवहन विभाग व राज्य सरकार दोनों को राजस्व की हानि हो रही है। राजस्थान पत्रिका ने कई दिन तक दिन व रात के समय माल ढो रही बसों के फोटो किए हैं।
सीकर शहर से निजी बसों, रात्रिकाल में चलने वाली स्लीपर बसों में स्थानीय ट्रांसपोर्ट कारोबारी व कुरियर वाले व दुकानदार, व्यापारी सस्ती दरों पर माल लदान करवा रहे हैं। यही नहीं बहुत से दुकानदार बसों से माल भेजकर जीएसटी सहित अन्य प्रकार के टेक्स से भी बच रहे हैं। लोक परिवहन, निजी बस व स्लीपर बस मालिक नियमों व कायदाें को ताक पर रखकर सवारियों से ज्यादा माल ढो रहे हैं। बसों में माल ढोने से सवारियां भी परेशान होती है। बस के उपर दो से ढाई फीट उपर तक माल भरकर ले जाने के बाद पुलिस व परिवहन विभाग किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रहा है।
दिल्ली से कपड़े, कॉस्मेटिक, इलेक्ट्रोनिक, कारों की एसेसिरीज व पार्ट्स आते हैं। दिल्ली से आने वाली बसें, सीकर, चूरू,
अजमेर, नागौर, चूरू व अन्य रूट पर जाने वाली बसों में माल ढोने का कार्य किया जा रहा है।
माल ढोने वाली बसों व उनके मालिकों पर कार्रवाई करेंगे। यातायात पुलिस के जवान देर रात तक हर प्वाइंट पर तैनात रहते हैं, ऐसे में विशेष टीम को लगाकर माल ढोने वाली स्लीपर, लोक परिवहन व निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
18 Sept 2025 01:11 pm
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