इससे पहले सुबह किसान बड़ी संख्या में कृषि उपज मंडी समिति परिसर पहुंचे। यहां पर करीब तीन घंटे तक सभा की और फिर रैली के रूप में जिला कलक्ट्रेट पहुंचे हैं। यहां कलक्ट्रर को अपनी मांगों का ज्ञापन देकर गिरफ्तारियां दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सीकर में किसानों ने सितम्बर 2017 में बड़ा आंदोलन किया था। तब किसानों ने विशाल रैली निकाली। किसानों को डीजे संचालक, ट्रैक्टर-ट्रॉली, ऑटो चालकों समेत व्यापारियों को भरपूर समर्थन मिला था। एक सितम्बर से 13 सितम्बर तक चला यह किसान आंदोलन देशभर में सुर्खियों में रहा था।
उस समय किसानों ने सीकर में ऐतिहासिक रैली निकाली थी, जिसे के लोगों लोगों ने किसी रैली में वर्षों बाद इतनी भीड़ देखी थी। गुरुवार को करीब दस माह सीकर शहर में वैसा ही नजारा देखने को उस मिला जब किसानों ने कृषि मंडी से जिला कलक्ट्रेट के लिए कूच किया।
सरकार को जमकर ललकारा
चुनावी साल में कर्जा माफी को लेकर माकपा ने फिर सरकार को घेरा है। शेखावाटी में सैकड़ों किसानों ने गुरुवार को सभा कर सरकार को जमकर ललकारा। इसके बाद कलक्ट्रेट का घेराव का गिरफ्तारी दी। किसानों का कहना है कि सम्पूर्ण कर्जा माफी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के आंदोलन के चलते बुधवार को दिनभर शहर में जाम लगा रहा।
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दिनभर मुस्तैद नजर आए। गिरफ्तारी के लिए महिलाओं में काफी जोश दिखा। महिलाओं ने कहा कि चाहे जेल में डालो लेकिन हम कर्जा माफी लेकर रहेंगे। सीकर की सडक़ों पर दिनभर लाल सलाम के नारे गंजते रहे। इससे पहले भी माकपा व किसान सभा सीकर की धरती से आंदोलन का बिगुल बजा चुकी है। चुनावी साल में माकपा का यह आंदोलन सियासी जमीन तलाशने में कितना मददगार बनेगा तो यह तो वक्त ही बताएगा।