जानकारी के अनुसार कोतवाल मुकेश कानूनगो व कांस्टेबल रामप्रकाश की हत्या में शामिल आरोपी ओमप्रकाश उर्फ ओपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने हर संभव प्रयास किया। घटनाक्रम के बाद भी आरोपी अपने खुद के घर के पास बाजरे की फसल में छुपा रहा और पुलिस को इसकी खबर तक नहीं लगी। बुधवार को जरिए मुखबिर पता लगा कि आरोपी अपने घर आया हुआ है्र। क्योंकि उसके पास कहीं दूसरी जगह भागने के लिए पैसों का बंदोबस्त नहीं है। इस पर पुलिस ने घेराबंदी की और जलालसर गांव के रहने वाले ओम प्रकाश उर्फ ओपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस पर 20000 रुपए का इनाम भी घोषित किया हुआ था। गौरतलब है कि प्रकरण में शामिल सात आरोपी पुलिस पहले ही अलग-अलग से जगहों से गिरफ्तार कर चुकी है। जिनके पास फायरिंग के दौरान इस्तेमाल किए हुए हथियार भी बरामद हो चुके हैं।
लूट की वारदात में रहा शामिल
पुलिस वालों की हत्या के पहले आरोपी ओम प्रकाश नेछवा इलाके में अजय चौधरी और जगदीप उर्फ धनकड़ के साथ मिलकर लूट की बड़ी वारदात कर चुका था। इसके बाद इस गिरोह ने कई अन्य लूट की वारदातें भी की। इससे जो पैसा मिला था उससे काफी हथियार और कारतूस खरीदे थे। यह लोग इन हथियारों के साथ फोटो भेज कर कई लोगों को धमकी भी दे चुके थे।
पांडिया को भेजा जेल
प्रकरण में मुख्य आरोपी अजय चौधरी, जगदीप उर्फ धनकड़, अनुज उर्फ छोटा पांडिया, सहित रामपाल, आमिर, दिनेश उर्फ लारा, कैलाश नागौरी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बुधवार को पांडिया को न्यायालय में पेश किया गया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। अब पुलिस पांडिया और आमिर व रामपाल को शिनाख्ती के लिए गवाहों के सामने पेश करेगी।
गांव का डॉन बनने की चाहत
ओमप्रकाश उर्फ ओपी शहर के बजाय गांव का डॉन बनना चाह रहा था। ताकि उसकी धाक रहे और गांव में उसी की चर्चा बनी रहे। लेकिन, ओपी इस बात से अनभिज्ञ था कि पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। हालांकि शराब पीने का आदि होने और जेब में पैसे नहीं होने के कारण वह मात खा गया और पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। अब पुलिस सभी आरोपियों को आमने-सामने कर पूछताछ करेगी। जिससे पुलिस मर्डर केस की सभी गुथियां सुलझा ली जाएगी।
इनका कहना
ओमप्रकाश उर्फ ओपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है, जिन्होंने आरोपी को शरण दी। उन्हें भी गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
डा. तेजपाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीकर