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राजस्थान के लाल हरदेवा राम का हुआ अंतिम संस्कार, हाथों में तिरंगा और जुबां पर भारत माता के जयकारों के बीच अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

locationसीकरPublished: Mar 19, 2019 07:07:42 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

खूड़ के पास करणपुरा गांव निवासी 110 मीडियम रेजीमेंट के हवलदार हरदेवा राम भींचर का कश्मीर में निधन हो गया। जिनका आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

खूड़ के पास करणपुरा गांव निवासी 110 मीडियम रेजीमेंट के हवलदार हरदेवा राम भींचर का कश्मीर में निधन हो गया। जिनका आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

राजस्थान के लाल हरदेवा राम का हुआ अंतिम संस्कार, हाथों में तिरंगा और जुबां पर भारत माता के जयकारों के बीच अंतिम दर्शन को उमड़ा जनसैलाब

सीकर।

खूड़ के पास करणपुरा गांव निवासी 110 मीडियम रेजीमेंट के हवलदार हरदेवा राम भींचर का कश्मीर में निधन हो गया। जिनका आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जवान को उनके बेटे २० वर्षीय हरेन्द्र ने मुखाग्रि दी। इस दौरान काफी संख्या में ग्रामीणों का उमड़ पड़ा। जहां हर किसी के हाथों में तिरंगा था तो जुबां पर भारत माता के जय-जयकार और हरदेवा अमर रहे के जयघोष से आसमान गंूज उठा। इससे पहले शहीद का शव दोपहर करीब १.३० बजे खूड़ गांव पहुंचा। जहां से जुलूस के रूप ग्रामीणों के बड़े काफिले के साथ निवास स्थान पहुंचा। जैसे ही शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर बुरा हाल था। पत्नी बार बार बेसुध हो रही थी। पिता की भी आंखें पथराई हुई थी। शव यात्रा में ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा। शव यात्रा में देशभक्ति गीतों के साथ हरदेवा राम भींचर अमर रहे व भारत माता के जयकारों से आसमान गूंज उठा। जवान को राज्य शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, जिला कलेक्टर सीआर मीणा, धोद विधायक परसराम मोरदिया ने अंतिम विदाई दी।

कश्मीर में थे तैनात
कश्मीर में डेढ़ साल से तैनात हवलदार हरदेवाराम भींचर (42) 6 मार्च को अचानक सीआई एरिया में स्टेन टू ऑपरेशन के दौरान बेहोश हो गए थे। बे्रन हेमरेज होने के चलते 12 दिन अस्पताल में भर्ती रहे। 17 मार्च को रात 12.10 पर जवान का निधन हो गया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद भाई सुबेदार रामगोपाल को शव सौंप दिया गया।

पांच भाई, दो आर्मी में
जवान हरदेवाराम के पांच भाई है। जिनमें से दो आर्मी में तैनात है और एक भाई आर्मी से रिटायरमेंट ले चुके है।

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