scriptदिनभर मोबाइल में उलझे रहे प्रदेश के शिक्षक | State teachers are getting entangled in mobile all day | Patrika News

दिनभर मोबाइल में उलझे रहे प्रदेश के शिक्षक

locationसीकरPublished: Jun 05, 2020 11:13:17 pm

Submitted by:

Sachin

शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता को समझने और उनके लिए उचित प्रशिक्षण पैकेज बनाने के उद्देश्य से शिक्षक अभिरुचि दिवस पर शुक्रवार को हुई ऑनलाइन आकलन तकनीकी समस्याओं में उलझी रही।

दिनभर मोबाइल में उलझे रहे प्रदेश के शिक्षक

दिनभर मोबाइल में उलझे रहे प्रदेश के शिक्षक

सीकर/ लक्ष्मणगढ़. शिक्षकों के प्रशिक्षण की आवश्यकता को समझने और उनके लिए उचित प्रशिक्षण पैकेज बनाने के उद्देश्य से शिक्षक अभिरुचि दिवस पर शुक्रवार को हुई ऑनलाइन आकलन तकनीकी समस्याओं में उलझी रही। ऑनलाइन आकलन का समय शुक्रवार सुबह 10 से 12 बजे तय किया गया था, लेकिन समय पर कई जगह सर्वर ठप होने से लिंक न खुलने की शिकायत मिलती रही। जैसे-तैसे कई शिक्षकों ने लिंक खोलकर आकलन भरना शुरू किया तो हर बार नए पेज पर जाते ही सर्विस अनुपलब्ध के मैसेज दिखाई दे रहे थे। आखिरकार ऑनलाइन आकलन का समय 12 बजे से बढाकर पहले 2 बजे तक और बाद में 5 बजे तक करना पड़ा। इसके बाद भी कई शिक्षक तकनीकी कारणों से इस ऑनलाइन आंकलन को पूरा नहीं कर पाए। ऐसे में प्रशिक्षण के लिए शिक्षक दिनभर जहां तहां मोबाइल पर ऑनलाइन

प्रपत्र क्लिक करते नजर आए।

इन शिक्षकों की बढ़ी परेशानी
प्रदेश में ऑनलाइन आकलन में सबसे अधिक समस्या उन शिक्षकों को आई जो कोविड-19 की ड्यूटी में तैनात थे। क्वारंटाइन सेंटर से लेकर टोल नाकों तक पर तैनात शिक्षकों के लिए यह आकलन प्रपत्र भरना परेशानी भरा रहा। कई शिक्षक ऐसे स्थलों पर तैनात थे, जहां इंटरनेट की उपलब्धता कम थी। ऐेसे में प्रपत्र भरने के लिए वो जहां तहां नेटवर्क की तलाश भी करते नजर आए।

 

गफलत में रहे शिक्षक


इधर, ऑनलाइन प्रपत्र भरने के लिए शिक्षक गफलत में भी रहे। दरअसल शिक्षा विभाग की गाइड लाइन के मुताबिक यह प्रपत्र पहले गणित, विज्ञान, अंग्रेजी व हिंदी विषय के कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों को ही भरना था। लेकिन, विभाग ने गुरुवार शाम को ही अचानक बाकी विषय के शिक्षकों को भी यह प्रपत्र भरने के निर्देश जारी कर दिए। जो ज्यादातर शिक्षकों तक तो पहुंचे ही नहीं। फिर अन्य विषयों के इन शिक्षकों के लिए ऑनलाइन प्रपत्र में विकल्प मौजूद नहीं होना भी असमंजस करने वाला रहा। जिससे अन्य विषयों वाले शिक्षकों को भी इन चार विषयों में से ही एक विकल्प का चयन कर प्रपत्र भरना पड़ा।

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